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बच्चे को कितने मिनट तक स्तनपान कराना चाहिए? पीडियाट्रिशियन ने बताया कितनी देर में भर जाता है शिशु का पेट

How long should you breastfeed: बच्चे को कितनी देर तर दूध पिलाना चाहिए या कितनी देर में बच्चे का पेट भर जाता है? इस सवाल का जवाब देते हुए पीडियाट्रिशियन सैयद मुजाहिद हुसैन ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. आइए जानते हैं इस वीडियो में बच्चों के डॉक्टर क्या कहते हैं-

बच्चे को कितने मिनट तक स्तनपान कराना चाहिए? पीडियाट्रिशियन ने बताया कितनी देर में भर जाता है शिशु का पेट
बच्चे को कितनी देर तक दूध पिलाना चाहिए?

How long should you breastfeed: मां बनने के बाद बच्चे की सेहत का ख्याल रखना हर महिला की पहली जिम्मेदारी होती है. इस दौरान उनके मन में कई सवाल भी आते हैं. इन्हीं सवालों में से एक है कि बच्चे को कितनी देर तर दूध पिलाना चाहिए या कितनी देर में बच्चे का पेट भर जाता है? इस सवाल का जवाब देते हुए पीडियाट्रिशियन सैयद मुजाहिद हुसैन ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. आइए जानते हैं इस वीडियो में बच्चों के डॉक्टर क्या कहते हैं- 

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बच्चे को कितने मिनट तक दूध पिलाना चाहिए?

पीडियाट्रिशियन बताते हैं, आमतौर पर एक बार में 20 से 25 मिनट तक दूध पिलाना काफी होता है. इससे बच्चे का पेट अच्छे से भर जाता है और मां पर भी ज्यादा दबाव नहीं पड़ता.

डॉक्टर हुसैन बताते हैं, स्तनपान के दौरान दूध दो तरह से निकलता है- फोरमिल्क और हाइंडमिल्क. शुरुआत में जो दूध आता है उसे फोरमिल्क कहते हैं. यह हल्का और पतला होता है और बच्चे की प्यास बुझाता है. उसके बाद आने वाला हाइंडमिल्क गाढ़ा और पोषक होता है, जो बच्चे की भूख मिटाता है और उसे एनर्जी देता है. लगभग 20–30 मिनट की फीड से बच्चे को दोनों तरह का दूध मिल जाता है, खासकर हाइंडमिल्क, जो उसके विकास के लिए बहुत जरूरी है.

ज्यादा देर से हो सकता है नुकसान

ज्यादातर बच्चे इसी समय में प्रभावी ढंग से दूध पी लेते हैं. अगर बच्चा बहुत देर तक, जैसे एक–दो घंटे तक फीड कर रहा है, तो कई बार यह किसी समस्या का संकेत भी हो सकता है. जैसे- गलत लैचिंग, कम दूध बहना, या बच्चे का सही तरीके से चूस न पाना. ऐसी स्थिति में मां को भी दिक्कत हो सकती है. लंबे समय तक फीड कराने से निप्पल में दर्द, खिंचाव या क्रैक होने की समस्या बढ़ सकती है. लगातार बैठे रहने से थकान भी बढ़ती है और मानसिक रूप से भी दबाव महसूस हो सकता है.

बहुत लंबी फीडिंग का एक नुकसान यह भी है कि बच्चा जरूरत से ज्यादा दूध पी सकता है, जिससे गैस, पेट में दर्द या बार-बार उलटी जैसी परेशानी हो सकती है. दूसरी तरफ, अगर बच्चा गलत तरीके से चूस रहा है और दूध सही से बाहर नहीं आ पा रहा, तो मां को ब्रेस्ट में भारीपन या एंगॉर्जमेंट की समस्या हो सकती है, जो आगे चलकर मास्टाइटिस जैसी तकलीफ का कारण भी बन सकती है.

इस बात का रखें ध्यान 

पीडियाट्रिशियन कहते हैं, अगर आपका बच्चा हर बार 30 मिनट से ज्यादा समय ले रहा है या फिर फीडिंग के बाद भी संतुष्ट नहीं दिखता, तो ऐसे में किसी लेक्टेशन कंसल्टेंट से सलाह लें. वे सही लैचिंग, पॉजिशन और फीडिंग पैटर्न समझा सकते हैं, जिससे बच्चा कम समय में पर्याप्त दूध पी सके और मां आराम महसूस करे.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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