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स्टिकर लगे फल और सब्जियों को कैसे खाना चाहिए? FSSAI ने दिया जवाब, आप भी सेहत से ना करें समझौता 

Fruits And Vegetables Stickers: ऐसी बहुत सी छोटी-छोटी चीजें हैं जिन्हें नजरअंदाज करने पर सेहत को बड़ा खामियाजा उठाना पड़ सकता है. ऐसे में भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने बताया कि किस तरह स्टिकर वाले फल और सब्जियां खाने चाहिए. 

स्टिकर लगे फल और सब्जियों को कैसे खाना चाहिए? FSSAI ने दिया जवाब, आप भी सेहत से ना करें समझौता 
Stickers On Fruits: जानिए स्टिकर वाले फूड्स कैसे खाए जाते हैं. 

Healthy Tips: आजकल खानपान की ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनमें अलग से स्टिकर्स लगे हुए आते हैं. लेकिन, ये चीजें कागज या प्लास्टिक के रैपर से पैक्ड होती हैं और फिर अलग से स्टिकर लगाए जाते हैं. मगर फलों या सब्जियों (Vegetables) के साथ ऐसा नहीं है. फल और सब्जियों पर सीधा उनके छिलके पर स्टिकर लगा दिया जाता है. ये स्टिकर उखाड़े जाएं तो इनका गोंद और आधा कागज फल (Fruits) या सब्जी पर ही लगा रह जाता है. एक जमाना था जब ये स्टिकर लगे फल या सब्जी बड़े सुपरमार्केट्स में नजर आते थे लेकिन आजकल रेड़ी पर बिकने वाले फल-सब्जियों पर भी ये स्टिकर (Sticker) लगे दिख जाते हैं. ऐसे में इन्हें घर लाकर धोकर खा लिया जाता है. लेकिन, भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण यानी FSSAI का कहना है कि सिर्फ इतना भर करने से ही काम नहीं चलेगा बल्कि इन स्टिकर लगे फल और सब्जियों को खाने का भी एक तरीका है जिसके बारे में पता होना जरूरी है. 

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कैसे खाने चाहिए स्टिकर लगे फल और सब्जियां 

FSSAI का कहना है कि फलों और सब्जियों पर लगे इन स्टिकर्स में लगी गोंद सेहत के लिए हानिकारक होती है. इन स्टिकर को निकालकर फल या सब्जियां धोकर खाई जाने पर भी इन स्टिकर की गोंद उनपर लगी रह जाती है. ऐसे में यह गोंद अगर पेट में जाए तो सेहत खराब हो सकती है. इसीलिए स्टिकर लगे फल और सब्जियां छीलकर खाने चाहिए. यही है इन स्टिकर वाले फूड्स को खाने का सही तरीका. 

हेल्दी ईटिंग को लेकर FSSAI के गाइडलाइंस 

अपनी गाइडलाइंस में FSSAI ने यह भी बताया है कि खाने को लेकर कौनसी बेसिक गाइडलाइंस का ध्यान रखना चाहिए जिससे सेहत अच्छी रहे. 

खाने में रखें गैप - सेहत अच्छी रहे इसके लिए आप 10 घंटे खाने की विंडो रख सकते हैं और दिनभर के बाकी घंटों में फास्ट यानी उपवास रख सकते हैं. इससे टाइप-2 डायबिटीज, दिल की दिक्कतें (Heart Problems) और इंफ्लेमेटरी बीमारियां दूर रहती हैं. 

हाड्रेटेड रहें - कई बार भूख का एहसास पेट खाली होने की वजह से नहीं बल्कि डिहाइड्रेशन के चलते होता है. ऐसे में कुछ खाने से पहले पानी पिएं. 

अच्छे से चबाएं - कई बार लोग खाने को सही तरह से नहीं चबाते हैं. FSSAI का कहना है कि दिमाग तक बड़े हुए ग्लूकोज लेवल्स के सिग्नल कम से कम 20 मिनट बाद पहुंचते हैं और एहसास होता है कि अब पेट भर गया है. अगर आप बहुत तेजी से खा लेंगे तो जरूरत से ज्यादा खाएंगे. इसीलिए 20:20 रूल अपनाएं. खाने को 20 बार चबाएं जिससे खाना एकदम लिक्विड जैसा हो जाए और उसके बाद ही उसे निगलें. इससे पाचन भी अच्छा रहता है. 

सिर्फ काने पर दें ध्यान - यहां वहां देखने के बजाय या डिस्ट्रैक्ट होने के बजाय सिर्फ खाना खाने पर ध्यान दें. अगर डिस्ट्रैक्टेड रहेंगे तो पोषक तत्वों का एब्जॉर्पशन शरीर में सही तरह से नहीं हो पाएगा. 

पोर्शन कंट्रोल पर दें ध्यान - कितना खा रहे हैं उसका ध्यान रखें. एक बार में बहुत ज्यादा खाने से परहेज करें. 

हैप्पी डाइट लें - खाने को एंजॉय करके खाएं. अगर खाना खुशी से ना खाया जाए तो पोषक तत्वों का एब्जॉर्पशन भी कम होता है. कोशिश करें कि आप ऐसी हेल्दी चीजें खाएं जिनसे आपको खुशी मिलती है.

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