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क्या डायबिटीज के मरीज तरबूज खा सकते हैं? Nutritionist से जान लें ब्लड शुगर पर कैसा असर करता है Watermelon

Diabetes Diet: तरबूज का स्वाद ज्यादातर लोगों को पसंद आता है, लेकिन क्या डायबिटीज होने पर तरबूज खाया जा सकता है? आइए जानते हैं-

क्या डायबिटीज के मरीज तरबूज खा सकते हैं? Nutritionist से जान लें ब्लड शुगर पर कैसा असर करता है Watermelon

Watermelon In Diabetes: गर्मी का मौसम आते ही बाजार में तरबूज नजर आने लगते हैं. पानी और मिठास से भरपूर ये फल लगभग हर किसी को पसंद होता है. लेकिन क्या डायबिटीज के मरीजों को तरबूज खाना चाहिए? अगर आप भी डायबिटीज से पीड़ित हैं और इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार हो सकता है. आइए जानते हैं कि तरबूज खाने से बल्ड शुगर लेवल पर कैसा असर पड़ता है.

डायबिटीज पेशेंट तरबूज खाएं या नहीं? 

बता दें कि अपने स्वाद से अलग तरबूज सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है. तरबूज में आपकी बॉडी के लिए जरूरी कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. लेकिन डायबिटीज के मरीजों को कुछ भी खाने या पीने से पहले उसके ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड पर ध्यान देना जरूरी होता है. 

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क्या होता है ग्लाइसेमिक इंडेक्स?

ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index) एक ऐसा माप है जो ये बताता है कि कोई भी चीज खाने के बाद हमारे शरीर में ब्लड शुगर कितनी तेजी से बढ़ता है. ये 0 से 100 तक मापा जाता है. जिस फूड का GI जितना कम होगा, वो डायबिटीज पेशेंट के लिए उतना ही सेफ होगा.

  • हेल्थलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 55 और उससे कम GI वाले फूड को डायबिटीज पेशेंट के लिए एकदम सेफ माना जाता है. 
  • 56 से 69 के बीच का जीआई आमतौर पर मीडियम माना जाता है और 
  • 70 या उससे ज्यादा का जीआई हाई होता है. ऐसे फूड डायबिटीज पेशेंट को नहीं खाने चाहिए.
कितना होता है तरबूज का जीआई?

हेल्थलाइन की रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि तरबूज का GI 72 होता है. यानी इसे हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स की कैटेगरी में रखा जाएगा. 

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

मामले को लेकर फेमस न्यूट्रिशनिस्ट दीपशिखा जैन ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में पोषण विशेषज्ञ भी तरबूज को हाई जीआई वाला फूड बताती हैं.

तो क्या नहीं खाना चाहिए तरबूज?

हाई GI होने से अलग तरबूज का GL यानी ग्लाइसेमिक लोड कम होता है. ग्लाइसेमिक लोड जितना कम होगा, ये डायबिटीज रोगियों के लिए उतना ही सुरक्षित माना जाएगा. तरबूज का ग्लाइसेमिक लोड बेहद कम (केवल 2) होता है. इसके अलावा तरबूज में पानी की मात्रा ज्यादा होती है, साथ ही इसमें फाइबर भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है, ऐसे में कुछ खास बातों को ध्यान में रखकर आप कम मात्रा में तरबूज खा सकते हैं.

इन बातों का रखें ख्याल

  • सुबह के समय खाली पेट या रात को सोने से पहले तरबूज खाने से बचें. इससे अलग आप लंच में या शाम के स्नैक के तौर पर थोड़ी मात्रा में तरबूज खा सकते हैं.
  • तरबूज को सादा ही खाएं, इसका जूस शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकता है.
  • तरबूज खाने से पहले और बाद में हर बार ब्लड शुगर लेवल की जांच करें. 
  • इससे अलग तरबूज खाने के बाद हेल्दी फैट और प्रोटीन का सेवन  (जैसे नट्स, बीज या दही) जरूर करें. इससे बल्ड में शुगर धीरे-धीरे  एब्सॉर्ब होगा.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.


 

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