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This Article is From Aug 16, 2018

अटल जी को गुलाब जामुन से दूर रखने के लिए बुलाया गया था माधुरी दीक्षित को, पढ़ें पूरी कहानी

अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने प्रधानमंत्री (Prime Minister) के तौर पर तीन बार देश का नेतृत्व किया.

अटल जी को गुलाब जामुन से दूर रखने के लिए बुलाया गया था माधुरी दीक्षित को, पढ़ें पूरी कहानी
Atal Bihari Vajpayee Death: झींगा मछली और चाइनीज़ फूड के थे शौकीन, जानिए मीठे में क्या था पसंद
नई दिल्ली:

अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee)  का दिल्ली के ऐम्स अस्पताल में 16 अगस्त शाम 5:05 पर निधन हो गया. 3 बार भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की कविताओं और भाषणों की मिसालें दी जाती हैं. जितने जोशिले उनके भाषण होते थे उनकी कविताएं भी कम दमदार नहीं. लेकिन उनकी पहचान एक बहुमुखी राजनेता और कवि के रूप में ही नहीं है. जी हां, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी खाने-पीने के भी बेहद शौकीन थे. खाने के प्रति दीवानगी ऐसी कि ग्वालियर की शायद ही ऐसी कोई गली हो जहां का उन्होंने स्वाद ना चखा हो. ग्वालियर की मशहूर मिठाइयों से लेकर कचौड़ियों और मंगौड़ी तक सबकुछ बड़े चाव से खाया. अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) को नॉन-वेज भी बेहद पंसद था. यहां पर हम आपको उनकी मनपसंद चीजों के बारे में बता रहे हैं जिन्‍हें खाने के लिए वह कभी न नहीं कहते थे.

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झींगा मछली (Prawn Fish)
अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने नॉन-वेज के लिए अपने प्यार को कभी किसी से छुपाया नहीं. झींगा मछली उनके पसंदीदा भोजन में से एक थी. इसके अलावा उन्हें चाइनीज़ फूड और खिचड़ी भी बहुत पसंद था.

मीठे में मालपुआ और खीर है पसंद
ग्वालियर का शायद ही ऐसा कोई शख्स हो जिसे मीठा खाने की लत ना हो. ठीक इसी तरह अटल बिहारी वाजयेपी (Atal Bihari Vajpayee) को भी मीठा बहुत पसंद था. मीठे में मालपुआ और खीर उनके पसंदीदा पकवानों में से एक हैं.  

मीट और मीठे के बाद भांग के लिए दीवाने
झींगा मछली और मीठे के अलावा अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) को भांग भी बेहद पसंद थी. कई मौकों पर उनके लिए खास तौर से उज्जैन से भांग मंगवाई गई. दरअसल, उन्हें वहीं के बादाम और मेवों से भरी ठंडाई का स्वाद पसंद था. 

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जब माधुरी दीक्षित ने दूर किया गुलाब जामुन से

अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) खाने के बड़े शौकीन थे और खाने को लेकर उनकी दीवानगी का आलम यह था कि एक बार आधिकारिक भोज के दौरान उन्हें गुलाब जामुन से दूर रखने के लिये उनके सहयोगियों को उनका ध्यान वहां से हटाने के लिये बॉलीवुड स्टार माधुरी दीक्षित को वहां तैनात करना पड़ा. वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई याद करते हैं कि प्रधानमंत्री रहते वाजपेयी ने एक आधिकारिक भोज के दौरान कैसे सख्त परहेज पर रहने के दौरान भी खाने के काउंटर का रुख कर लिया. इसके बाद उनके सहयोगियों ने एक योजना बनाई.  उन्होंने प्रधानमंत्री को फौरन वहां मौजूद दीक्षित से मिलवाया और जल्द ही फिल्मों के बेहद शौकीन वाजपेयी खाने की बात भूलकर काफी देर तक उनसे फिल्मों के बारे में बात करते रहे. किदवई याद करते हुए कहते हैं, "इस बीच, उनके सहयोगियों ने तेजी से उनकी कतार से मिठाइयां हटा दीं."

वाजपेयी के साथ काम कर चुके नौकरशाह कहते हैं कि वह जहां कहीं भी जाते थे वहां के स्थानीय पकवान का स्वाद चखने पर जोर देते थे. नौकरशाह ने कहा, "ऐसे में यह कोलकाता में पुचका था, हैदराबाद में बिरयानी और हलीम और लखनऊ में गलावटी कबाब होते थे। वह खास तौर पर चाट मसाले के साथ पकौड़े और मसाला चाय पसंद करते थे." एक अन्य वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि कई मौकों पर उन्हें और उनके साथी पत्रकारों को खुद वाजपेयी जी के हाथों से पकाए पकवान खाने का मौका मिला. उन्होंने याद करते हुए कहा, "वह कम से कम एक व्यंजन हमारे लिये पकाते थे. वह चाहे मिठाई हो या कुछ मांसाहारी." 

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एक करीबी सहयोगी ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान वाजपेयी नमकीन मूंगफली खाते रहते थे और चाहते थे कि जब भी उनकी प्लेट खाली हो, उसे फौरन भर दिया जाए. आगे उन्होंने कहा कि लालजी टंडन उनके लिए लखनऊ के चौक इलाके से कबाब लेकर आते थे, केंद्रीय मंत्री विजय गोयल उनके लिए पुरानी दिल्ली से बेड़मी आलू और चाट लेकर आते थे. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू आंध्र प्रदेश से उनके लिए झींगा लाते थे. 

 

अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) दिल्ली के ऐम्स (AIIMS) में 11 जून से भर्ती थे. आज शाम 5:05 को उनकी मृत्यु हो गई. 15 अगस्त से ही उन्हें अस्पताल में देखने के लिए मंत्रियों का तांता लगा हुआ था. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से लेकर भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के लगभग सभी नेता उनसे मिलने पहुंच रहे थे. अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) लगभग दो महीने AIIMS में भर्ती रहे. बता दें अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने प्रधानमंत्री (Prime Minister) के रूप में तीन बार देश का नेतृत्व किया है. वे पहली बार साल 1996 में 16 मई से 1 जून तक, 19 मार्च 1998 से 26 अप्रैल 1999 तक और फिर 13 अक्टूबर 1999 से 22 मई 2004 तक देश के प्रधानमंत्री रहे.

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