Air Pollution: खाना पकाना हमारा रोज का काम है. हर घर में रोजाना खाना बनता ही है. सुबह का खाना अलग, दोपहर का खाना अलग और शाम व रात के लिए अलग-अलग कुछ पकाया जाता है. लेकिन, खाना पकाने से भी प्रदूषण (Pollution) में इजाफा हो सकता है. गोल्वे विश्वविद्यालय के पोस्टडॉक्टोरल शोधकर्ता असित कुमार मिश्रा और एक्सपोजर साइंस में वरिष्ठ व्याख्याता मैरी कॉगिन्स ने अपने शोध में पाया कि घर में खाना पकाने (Cooking) से वायू प्रदूषण में बढ़ोत्तरी होती है. उनका कहना है कि खाना पकाने के दौरान खाने के जलने, तलने और दम में पकाए जाने के दौरान छोटे-छोटे कण पैदा हो सकते हैं. इन कणों को पर्टिकुलर मैटर (पीएम 2.5) कहा जाता है. ओवन में जो खाना चिपका रह जाता है जलने पर उसके कण भी उत्पन्न हो जाते हैं.
यही कण सांस लेने के दौरान शरीर में चले जाते हैं और ह्रदय के साथ-साथ फेफड़ों को भी प्रभावित करते हैं. इन कणों से अस्थमा बिगड़ सकता है, वायुमार्ग में जलन हो सकती है, फेफड़ों के कार्य में बाधा आ सकती है और दिल का दौरा पड़ने तक का खतरा बढ़ सकता है. असित कुमार मिश्रा और मैरी कॉगिन्स के अनुसार, 2019 में दुनियाभर में लगभग 23 लाख मौतें लंबे समय तक घरेलू वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने के कारण हुई हैं.
घरेलू वातावरण ठीक करना
इस शोध का आधार आयरिश घर रहे थे. कार्बन उत्सर्जन को कम करने के तरीके के रूप में घर के वातावरण को बेहतर करने की कोशिश की जा रही है. आयरिश सरकार ने इस बात का वादा किया है कि दशक के अंत तक लगभग 5 लाख घरों को फिर से बनाया जाएगा. ये घर रेट्रोफिटिंग होंगे जिससे इनडोर वायु गुणवत्ता और ऊर्जा के उपयोग को कम किया जा सकता है. इससे घर वायुरोधी बनते हैं लेकिन इसमें वेंटिलेशन (Ventilation) को ठीक से प्रबंधित किया जाता है. अगर सही वेंटिलेशन ना भी हो तब भी खाना पकाने के दौरान निकलने वाले प्रदूषकों को वातावरण में फैलने से रोका जाता है.
घरों की वेटिंलेशनआयरिश घरों को ज्यादा से ज्यादा वेंटिलेट करने की कोशिश जारी है. यहां रेट्रोफिटिंग के हिस्से के रूप में घरों में मैकेनिकल वेंटिलेशन सिस्टम लगाए जा रहे हैं. मिश्रा और कॉगिंस के अनुसार, घर का वेंटिलेशन सिस्टम कुकर हूड या बाथरूम में एग्जॉस्ट फैन जितना आसान हो सकता है. कुकर हूड छतरीनुमा होता है जो खाना पकाने के क्षेत्र को एक अतर्निमित पंखे के साथ कवर करता है. यह हवा को फिल्टर की मदद से सोखकर बाहर निकालता है जिससे कणों के संपर्क में व्यक्ति कम आता है. इस रिसर्च में यह भी सामने आया कि हूड के साथ खाना पकाने पर लोग लगभग 90 फीसदी कम पीएम 2.5 कणों के संपर्क में आते हैं.
खाना पकाने के दौरान वायु प्रदूषण के जोखिम कैसे कम करेंमिश्रा और कॉगिंक्स ने अपने सर्वेक्षण में यह भी पाया कि कुकर हूड का सही तरह से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. वहीं, बहुत से लोग यह भी नहीं समझ पाए कि वेंटिलेशन सिस्टम का किस तरह से प्रयोग किया जाना है.
खाना पकाने के दौरान वायु प्रदूषण के जोखिम कम करने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है. जैसे, खाना पकाते हुए चूल्हे पर कुछ गिर जाए तो उसे तुरंत साफ कर दें. ऐसा इसलिए क्योंकि चूल्हे पर अवशेष पड़े रहने पर जब चूल्हा फिर से चालू किया जाएगा तो ये अवशेष जलने लगेंगे और सूक्ष्म कणों के संपर्क में आने की संभावना बढ़ जाएगी.
- अपने घरों में बेहतर वेंटिलेशन सिस्टम (Ventilation System) लगवाएं जिससे वायू प्रदूषम के जोखिम कम हो सकें. इस वेंटिलेशन सिस्टम की समय-समय पर सर्विसिंग भी कराते रहें.
- कूकर हूड लगवा सकते हैं लेकिन इसका सही तरह से इस्तेमाल करें जिससे वायू प्रदूषण कम होने में मदद मिल सके.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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