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पेरेंट्स को बच्चों के सामने कभी नहीं करनी चाहिए ये 7 बातें

Parenting Tips: चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट श्वेता गांधी ने ऐसी 7 बातें बताई हैं जो पेरेंट्स को बच्चों के सामने कभी नहीं करनी चाहिए. आइए जानते हैं इनके बारे में-

पेरेंट्स को बच्चों के सामने कभी नहीं करनी चाहिए ये 7 बातें
बच्चों के सामने नहीं करनी चाहिए ये बातें

Parenting Tips: बच्चे वही सीखते हैं जो वे अपने माता-पिता को करते या बोलते हुए देखते हैं. उनकी छोटी-सी दुनिया में मां-बाप सबसे बड़े रोल मॉडल होते हैं. ऐसे में अगर पेरेंट्स कुछ गलत बातें उनके सामने कहते हैं, तो उसका बच्चों के मन और सोच पर गहरा असर पड़ता है. चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट श्वेता गांधी ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में ऐसी 7 बातें बताई हैं जो पेरेंट्स को बच्चों के सामने कभी नहीं करनी चाहिए. आइए जानते हैं इनके बारे में-

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पैसे की चिंता जाहिर करना (Money Stress)  

साइकोलॉजिस्ट बताती हैं, अगर आप हर समय बच्चों के सामने पैसों की तंगी की बात करेंगे, तो ये बच्चे के मन में डर और चिंता पैदा सकता है. उन्हें लगता है कि वे आपकी परेशानियों की वजह हैं. ऐसे में पैसों की बात बच्चों के सामने नहीं, निजी रूप से करें. उन्हें पॉजिटिव तरीके से बजटिंग सिखाएं.

झगड़ा या बहस करना (Adult Fights)  

बड़ों के बीच झगड़ा होना आम बात है. हालांकि, अगर आप बच्चे के सामने बहस करते हैं, तो  इससे बच्चे के मन में डर बैठ जाता है. उन्हें लगता है कि उनका परिवार टूट जाएगा. इसलिए बहस को शांत तरीके से सुलझाएं या बच्चों के सामने बिल्कुल न करें.

दूसरों की बुराई करना (Negative Talk About Others)

जब बच्चे सुनते हैं कि आप किसी रिश्तेदार, टीचर या पड़ोसी की बुराई कर रहे हैं, तो वे भी दूसरों को जज करना सीख जाते हैं. इससे उनके अंदर नेगिटिव सोच पनपती है. इसलिए कोशिश करें कि आप बच्चों के सामने हमेशा सम्मान से बात करें, भले ही आप किसी से असहमत हों.

तुलना करना (Comparing Success)

'देखो, वो कितने अच्छे मार्क्स लाया है' या 'उसका घर हमसे बड़ा है', ऐसी बातें बच्चों को यह सिखाती हैं कि इंसान की कीमत पैसों से तय होती है. तुलना की जगह उन्हें सिखाएं कि असली सफलता मेहनत और ईमानदारी में है.

गॉसिप करना (Gossip)

दूसरों की गलतियों पर हंसना या उनका मजाक उड़ाना बच्चों में सहानुभूति खत्म कर देता है. उन्हें सिखाएं कि हर गलती से कुछ सीखने को मिलता है, हंसने को नहीं.

शरीर पर टिप्पणी करना (Body Comments)

'वो मोटी हो गई है' या 'वो तो गंदी दिखने लगी है', इस तरह की बातों से बच्चा भी खुद को या दूसरों के लुक्स को जज करना सीख जाता है. इससे उनके आत्मविश्वास पर बुरा असर पड़ सकता है. इसकी बजाय, बच्चों को हेल्दी रहना और खुद से प्यार करना सिखाएं.

खुद को नीचा दिखाना (Negative Self-Talk)

'मैं कुछ नहीं कर सकता' या 'मैं बेवकूफ हूं' जैसी बातें बच्चों के दिमाग में उतर जाती हैं. वे भी खुद को उसी नजर से देखने लगते हैं. इसलिए उनके सामने इस तरह की बातें करने से बचें और बच्चों को भी हर परेशानी को शांति और समझदारी से सुलझाने का तरीका सिखाएं.

साइकोलॉजिस्ट कहती हैं, बच्चे सिर्फ आपके शब्द ही नहीं सुनते हैं, ब्लकि वे आपकी सोच को भी महसूस करते हैं. आपकी बातें उनके मन में उतर जाती हैं. इसलिए हर शब्द सोच-समझकर बोलें. आपकी बातें ही उनके आत्मविश्वास और भविष्य की नींव होती हैं.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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