जानिए ऐसा क्या हुआ कि विराट कोहली और एमएस धोनी दोनों की टीमें साबित हो रहीं फिसड्डी

जानिए ऐसा क्या हुआ कि विराट कोहली और एमएस धोनी दोनों की टीमें साबित हो रहीं फिसड्डी

बैंगलोर के लिए कोहली-डिविलियर्स तो रन बना रहे हैं, लेकिन गेल फेल हो रहे हैं (फाइल फोटो)

जैसे-जैसे आईपीएल के मैच होते जा रहे हैं, टीमों के लिए चुनौती कड़ी होती जा रही है। खासतौर से उन टीमों के लिए जो अंकतालिका में काफी नीचे चल रही हैं। पर क्या आपने अंकतालिका पर ध्यान दिया है। यदि आप इसमें नीचे की टीमों पर नजर डालेंगे, तो चौंक जाएंगे। इसमें टीम इंडिया के वनडे कप्तान एमएस धोनी और टेस्ट कप्तान विराट कोहली की टीमों का बुरा हाल है, वहीं अंतिम पायदान पर प्रीति जिंटा की टीम किंग्स इलेवन पंजाब है। यदि धोनी की टीम प्लेऑफ (अंतिम 8 में) तक नहीं पहुंचती है, तो ऐसा आईपीएल इतिहास में पहली बार होगा, जो उनके रिकॉर्ड को देखते हुए बिल्कुल भी हजम होने वाली बात नहीं होगी। आखिर टीम इंडिया के इन मैच विजेता कप्तानों की टीमों की इतनी बुरी स्थिति क्यों है। आइए जानने की कोशिश करते हैं-

सबसे पहले विराट कोहली : जीतने होंगे लगभग सभी मैच
टीम इंडिया को टेस्ट मैचों में अच्छी सफलता दिलाने वाले विराट कोहली आईपीएल में अपनी टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को सफलता नहीं दिला पा रहे हैं। उनकी टीम एक बार भी यह लीग नहीं जीत पाई है और इस बार भी हालात कुछ ठीक नहीं दिख रहे हैं। उनकी टीम के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि बैटिंग में उनके और एबी डिविलियर्स के अलावा कोई भी नहीं चल पा रहा है। इन दोनों के आउट होते ही टीम अच्छे स्कोर से पीछे रह जाती है। खुद विराट ने जहां 6 मैचों में 381 रन बनाए हैं, वहीं डिविलियर्स के बल्ले से 316 रन निकले हैं। अब अन्य बल्लेबाजों के आंकड़े देखिए, तो कहानी अपने आप साफ हो जाएगी। सरफराज ने 5 मैचों में 66, लोकेश राहुल ने 4 मैचों में 132 रन जोड़े हैं, अन्य की स्थिति और बुरी है। ओपनर गेल और शेन वॉटसन से भी उम्मीदे थीं, लेकिन वह भी फेल रहे।

गेंदबाजी का हाल है और बुरा
विराट की टीम सबसे अधिक गेंदबाजी में मात खा रही है। जरा उनके गेंदबाजों का इकोनॉमी रेट देखिए- केन रिचर्डसन ने 4 मैचों में 14 ओवर किए और 136 रन देकर 7 विकेट लिए हैं, जबकि उनका इकोनॉमी रेट 9.71 है, शेन वॉटसन ने 6 मैचों में 23.3 ओवर किए हैं और उनका इकोनॉमी रेट 8.08 रहा है। अन्य गेंदबाजों में यजुवेंद्र चहल ने 9.73, इकबाल अब्दुल्ला ने 9.36 और परवेज रसूल ने 8.36 के रेट से रन लुटाए हैं।

पहली बार कप्तान धोनी कर रहे संघर्ष, जीतने ही होंगे सभी मैच
धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया हाल ही में टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल तक का सफर तय करके आई है, वहीं वनडे वर्ल्ड कप में भी टीम इंडिया सेमीफाइनल में हार गई थी। फिर भी टीम का प्रदर्शन संतोषजनक बताया गया था। दरअसल एक जमाने में टीम इंडिया पर यह तमगा लगा हुआ था कि वह पूरे टूर्नामेंट में तो अच्छा खेलती है, लेकिन अहम और निर्णायक मुकाबलों में हथियार डाल देती है और उसे बुरी हार मिलती है। इससे यदि किसी ने निजात दिलाई थी, तो वह धोनी ही थे और देश को कई बड़े कप दिलाए, लेकिन इंटरनेशनल लेवल पर पिछली दोनों बार हम सेमी में ही हार गए। अब उनकी टीम आईपीएल में भी संघर्ष कर रही है। उन्हें अंतिम 8 (प्लेऑफ) में जगह बनाने के लिए अब सभी मैच जीतने होंगे।
 

चेन्नई सुपरकिंग्स की सफलता में धोनी-फ्लेमिंग का अहम योगदान रहा है, लेकिन कोच-कप्तान की यह जोड़ी नई टीम राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स का भाग्य नहीं बदल पा रही है (फाइल फोटो)

नहीं खड़ा कर पा रहे सुरक्षित स्कोर
आईपीएल के पिछले सीजन तक उनकी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स का प्रदर्शन शानदार रहा था, लेकिन इस बार उनके लिए कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। सबसे पहले चेन्नई टीम पर प्रतिबंध लगा और उन्हें नई फ्रेंचाइजी राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स के साथ जाना पड़ा, लेकिन इसमें उनके लिए टीम संयोजन बनाना मुश्किल हो गया है। उनके लिए सबसे बड़ी समस्या बल्लेबाजी है। स्मिथ को छोड़कर टीम का कोई भी बल्लेबाज अच्छे स्ट्राइक रेट से रन नहीं जोड़ पाया है। अब जरा बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर नजर डालिए-

स्टीव स्मिथ एकमात्र ऐसे बल्लेबाज रहे, जिन्होंने 8 मैचों में 270 रन बनाए हैं और उनका स्ट्राइक रेट 153.40 रहा। इसमें उनका एक शतक भी शामिल है। अजिंक्य रहाणे ने 280 रन बनाए हैं, लेकिन स्ट्राइक रेट 125.56 रहा, जो मॉडर्न क्रिकेट के लिहाज से छोड़ा कम है। खुद कप्तान धोनी ने 146 रन जोड़े हैं, लेकिन जिस तरह की हिट वह अंतिम ओवरों में लगाया करते थे, उसकी कमी खल रही है। इन सबका परिणाम यह है कि टीम सुरक्षित स्कोर से 20-30 रन पीछे रह जाती है या पीछा करने से चूक जाती है, जैसा कि कुछ क्लोज मैचों में हुआ है।

4 खिलाड़ी चोटिल
धोनी के लिए अब समस्या और बढ़ गई है। टॉप स्कोरर स्टीव स्मिथ भी चोटिल हो गए हैं। इस प्रकार उनकी टीम से आईपीएल से बाहर होने वाले खिलाड़ियों की संख्या 4 तक पहुंच गई है। इनमें 3 बल्लेबाज और एक ऑलराउंडर शामिल हैं। स्मिथ के अलावा मिचेल मार्श, फॉफ डु प्लेसिस और केविन पीटरसन चोट के चलते बाहर हो चुके हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि बाहर होने वाले खिलाड़ी एक तरह से टीम की मजबूत कड़ी थे।

गेंदबाजी भी कुछ खास नहीं
धोनी के लिए बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी भी एक समस्या है। उनका कोई भी गेंदबाज लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है और ब्रेकथ्रू दिलाने में सफल नहीं हो रहा है। अशोक डिंडा ने थोड़ी उम्मीद जगाई थी, लेकिन उनकी इकोनॉमी (8.72) भी ठीक नहीं है, उन्होंने 3 मैचों में 11 ओवर फेंके हैं और 96 रन देकर 6 विकेट लिए हैं। उनके ट्रंप कार्ड रहे आर अश्विन ने तो और निराशाजनक प्रदर्शन किया है। अश्विन ने 8 मैचों में 25 ओवर करके 175 लुटा दिए हैं। उनके नाम महज 3 विकेट हैं। उनका इकोनॉमी रेट 7 का है, लेकिन वह समय पर विकेट नहीं ले पा रहे हैं।

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