रवींद्र जडेजा आईपीएल के इस सीजन में सुरेश रैना की कप्तानी में खेल रहे हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में चमक बिखेर रहे कई चेहरों की पहचान बनी है आईपीएल यानी इंडियन प्रीमियर लीग से। दुनिया की कोई क्रिकेट लीग इतने खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय करियर के लिए प्लेटफ़ॉर्म नहीं बन पाया है। आइए एक नज़र डालते हैं कुछ खिलाड़ियों पर जिनके करियर का प्लेटफ़ॉर्म आईपीएल बना-
रवींद्र जडेजा
साल 2008 में आईपीएल के पहले सीज़न में सौराष्ट्र के रवींद्र जडेजा को राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा। महान शेन वॉर्न की शागिर्दी ने जल्द ही जडेजा को रॉकस्टार बना दिया। इस सीजन में जडेजा के बल्ले से 14 मैचों में 135 रन निकले और उनका स्ट्राइक रेट 131.06 रहा। इस सीजन के फाइनल में उन्होंने अपनी टीम को जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आईपीएल 2009 में उन्होंने 13 मैचों में 6 विकेट लिए और 295 रन बनाए। बाद में चेन्नई सुपरकिंग्स में उनकी ऑलराउंड प्रतिभा निखरती चली गई। जल्द ही उन्हें भारतीय टीम में जगह मिल गई।
शेन वॉटसन
शेन वॉटसन का अंतरराष्ट्रीय करियर चोट के कारण डांवाडोल हो चला था। आईपीएल उनकी वापसी के लिए बड़ा मंच साबित हुआ। आईपीएल में उनके हरफ़नमौला प्रदर्शन के बाद ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ता उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते थे। वॉटसन ने अपने देश के लिए 190 वनडे, 56 टी-20 और 59 टेस्ट मैच खेले हैं। वह क्रिकेट इतिहास के सात ऐसे खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने 10 हजार से अधिक रन और 250 से अधिक विकेट लिए हैं। वॉटसन ने टेस्ट में 3731, वनडे में 5757 रन और टी-20 में 1462 रन बनाए हैं। टेस्ट में उनके नाम 75, वनडे में 168 और टी-20 मैचों में 48 विकेट दर्ज हैं।
केरॉन पोलार्ड
साल 2009 की चैंपियंस लीग में त्रिनिदाद और टोबैगो टीम का एक बल्लेबाज़ गेंदबाज़ों की धज्जियां उड़ाता नज़र आया। न्यू साउथ वेल्स के ख़िलाफ़ उसने 18 गेंदों पर 54 रन बना डाले। उसकी फ़ील्डिंग भी उतनी ही ज़बर्दस्त थी। दुनिया केरॉन पोलार्ड के नाम से वाकिफ़ हुई। अगले साल आईपीएल की नीलामी में पोलार्ड को खरीदने के लिए होड़ मच गई। मुंबई इंडियंस पोलार्ड को खरीदने में कामयाब रही। 2012 में वेस्टइंडीज़ की टीम वर्ल्ड T20 चैंपियन बनी तो केरॉन पोलार्ड की भूमिका अहम थी।
सुनील नरेन
साल 2011 में चैंपियंस लीग में त्रिनिदाद और टोबैगो टीम में एक ऐसा गेंदबाज़ शामिल था जिसकी गेंदें बल्लेबाज़ों के लिए पहेली बन गईं। अगले साल कोलकाता नाइटराइडर्स ने "मिस्ट्री स्पिनर" को खरीद लिया। साल 2012 में केकेआर चैंपियन बनी। नरेन ने 24 विकेट झटके। उसी साल सुनील नरेन ने अपनी टीम को वर्ल्ड T20 चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई।
डेविड मिलर
किंग्स इलेवन पंजाब के मौजूदा कप्तान 2011 में आईपीएल में शामिल हुए। तब तक दक्षिण अफ़्रीकी टीम में उनकी जगह पक्की नहीं हो पायी थी। 2013 में मिलर ने 31 गेंदों पर 101 रन बनाए। मिलर और ग्लेन मैक्सवेल की जोड़ी ने आईपीएल में धूम मचा दी। डेविड मिलर को पीछे मुड़कर देखने की ज़रूरत नहीं पड़ी।
जेम्स फ़ॉकनर 2011 में पुणे वॉरियर्स टीम में शामिल हुए। बाद में उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने खरीद लिया। 2013 में वे आईपीएल के सबसे कामयाब गेंदबाज़ साबित हुए। 28 विकेट के बाद उन्हें ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं का फ़ोन आ गया। तब से वे टीम के नियमित खिलाड़ी हैं।
हार्दिक पांड्या
सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर हार्दिक पांड्या ने 57 गेंदों पर 42 रन की पारी खेली। ज़हीर ख़ान और प्रवीण तांबे जैसे गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ उनकी इस पारी को देखने के बाद कोच जॉन राइट ने 2015 में उन्हें मुंबई इंडियंस के लिए खरीद लिया। सचिन तेंदुलकर और रिकी पॉन्टिंग के सानिध्य में उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का टिकट मिलने में देर नहीं लगी।
रवींद्र जडेजा
साल 2008 में आईपीएल के पहले सीज़न में सौराष्ट्र के रवींद्र जडेजा को राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा। महान शेन वॉर्न की शागिर्दी ने जल्द ही जडेजा को रॉकस्टार बना दिया। इस सीजन में जडेजा के बल्ले से 14 मैचों में 135 रन निकले और उनका स्ट्राइक रेट 131.06 रहा। इस सीजन के फाइनल में उन्होंने अपनी टीम को जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आईपीएल 2009 में उन्होंने 13 मैचों में 6 विकेट लिए और 295 रन बनाए। बाद में चेन्नई सुपरकिंग्स में उनकी ऑलराउंड प्रतिभा निखरती चली गई। जल्द ही उन्हें भारतीय टीम में जगह मिल गई।
शेन वॉटसन
शेन वॉटसन का अंतरराष्ट्रीय करियर चोट के कारण डांवाडोल हो चला था। आईपीएल उनकी वापसी के लिए बड़ा मंच साबित हुआ। आईपीएल में उनके हरफ़नमौला प्रदर्शन के बाद ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ता उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते थे। वॉटसन ने अपने देश के लिए 190 वनडे, 56 टी-20 और 59 टेस्ट मैच खेले हैं। वह क्रिकेट इतिहास के सात ऐसे खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने 10 हजार से अधिक रन और 250 से अधिक विकेट लिए हैं। वॉटसन ने टेस्ट में 3731, वनडे में 5757 रन और टी-20 में 1462 रन बनाए हैं। टेस्ट में उनके नाम 75, वनडे में 168 और टी-20 मैचों में 48 विकेट दर्ज हैं।
केरॉन पोलार्ड
साल 2009 की चैंपियंस लीग में त्रिनिदाद और टोबैगो टीम का एक बल्लेबाज़ गेंदबाज़ों की धज्जियां उड़ाता नज़र आया। न्यू साउथ वेल्स के ख़िलाफ़ उसने 18 गेंदों पर 54 रन बना डाले। उसकी फ़ील्डिंग भी उतनी ही ज़बर्दस्त थी। दुनिया केरॉन पोलार्ड के नाम से वाकिफ़ हुई। अगले साल आईपीएल की नीलामी में पोलार्ड को खरीदने के लिए होड़ मच गई। मुंबई इंडियंस पोलार्ड को खरीदने में कामयाब रही। 2012 में वेस्टइंडीज़ की टीम वर्ल्ड T20 चैंपियन बनी तो केरॉन पोलार्ड की भूमिका अहम थी।
सुनील नरेन
साल 2011 में चैंपियंस लीग में त्रिनिदाद और टोबैगो टीम में एक ऐसा गेंदबाज़ शामिल था जिसकी गेंदें बल्लेबाज़ों के लिए पहेली बन गईं। अगले साल कोलकाता नाइटराइडर्स ने "मिस्ट्री स्पिनर" को खरीद लिया। साल 2012 में केकेआर चैंपियन बनी। नरेन ने 24 विकेट झटके। उसी साल सुनील नरेन ने अपनी टीम को वर्ल्ड T20 चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई।
डेविड मिलर
किंग्स इलेवन पंजाब के मौजूदा कप्तान 2011 में आईपीएल में शामिल हुए। तब तक दक्षिण अफ़्रीकी टीम में उनकी जगह पक्की नहीं हो पायी थी। 2013 में मिलर ने 31 गेंदों पर 101 रन बनाए। मिलर और ग्लेन मैक्सवेल की जोड़ी ने आईपीएल में धूम मचा दी। डेविड मिलर को पीछे मुड़कर देखने की ज़रूरत नहीं पड़ी।
जेम्स फ़ॉकनर
हार्दिक पांड्या
सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर हार्दिक पांड्या ने 57 गेंदों पर 42 रन की पारी खेली। ज़हीर ख़ान और प्रवीण तांबे जैसे गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ उनकी इस पारी को देखने के बाद कोच जॉन राइट ने 2015 में उन्हें मुंबई इंडियंस के लिए खरीद लिया। सचिन तेंदुलकर और रिकी पॉन्टिंग के सानिध्य में उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का टिकट मिलने में देर नहीं लगी।
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