योगी आदित्यनाथ ने लिया बड़ा फैसला
लखनऊ:
योगी आदित्यनाथ सरकार ने फैसला लिया है कि यूपी में सी और डी कैटेगरी के साथ बी कैटेगरी के (नॉन-गेजेटेड) पदों के लिए इंटरव्यू नहीं होंगे. योगी सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत सरकार की नौकरी देने की प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. यह फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की अध्यक्षता वाली कैबिनेट मीटिंग में लिया गया है. इस फैसले के बाद जो भी छात्र आवेदन करेंगे उन्हें केवल लिखित परीक्षा ही देनी होगी. फैसले में यह भी कहा गया है कि अगर कोई डिपार्टमेंट यह समझता है कि नौकरी के लिए इंटरव्यू होना चाहिए तो वह पर्सनल डिपार्टमेंट को प्रपोजल भेज सकता है.सरकार का कहना है कि इस फैसले से भर्तियों में भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिलेगी.
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इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखनऊ के साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में स्टार्ट-अप बस यात्रा को हरी झंडी दिखाई. इस मौके पर उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप से हर किसी को जोड़ना है. टीम भावना हर क्षेत्र में सफलता का मंत्र है. उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप के लिए सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये का फंड रखा है. योगी ने कहा, हमने किसी धर्म, जाति के लिए काम नहीं किया है. गरीबों, बेरोजगारों, किसानों और महिलाओं के लिए काम किया है. हर व्यक्ति के अंदर कोई न कोई क्षमता होती है. हर व्यक्ति की प्रतिभा को निखारने की जरूरत होती है, स्टार्ट-अप इसी का माध्यम है.
योगी ने कहा, "इससे पहले यह होता था कि वोट बैंक कैसे सुरक्षित होगा. राजनीति एक व्यवसाय जैसी हो गई थी, लेकिन हमारी सरकार ने इससे अलग हटकर अपनी जिम्मेदारी निभाई है. सरकार बनते ही बहुत-सी योजनाएं शुरू की गई हैं." योगी ने आगे कहा, "कूड़े का प्रबंधन कैसे किया जाए कि प्रदूषण भी कम हो और उससे ऊर्जा भी बनाई जा सके. इसके लिए तकनीक जरूरी है. लोग आज कूड़े से सड़क बना रहे हैं. अगर सड़क प्लास्टिक से बनेगी तो कभी खराब नहीं होगी. हमेशा के लिए गड्ढामुक्त हो जाएगी."
योगी ने कहा कि जल्द ही स्टार्ट-अप एप भी लाया जाएगा. स्टार्ट-अप की समस्याओं के लिए कॉल सेंटर बनेंगे. उत्तर प्रदेश शुरुआत करेगा तो देश शुरुआत करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने देश का प्रधानमंत्री बनते ही कई योजनाएं शुरू की हैं. (इनपुट्स : भाषा)
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इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखनऊ के साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में स्टार्ट-अप बस यात्रा को हरी झंडी दिखाई. इस मौके पर उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप से हर किसी को जोड़ना है. टीम भावना हर क्षेत्र में सफलता का मंत्र है. उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप के लिए सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये का फंड रखा है. योगी ने कहा, हमने किसी धर्म, जाति के लिए काम नहीं किया है. गरीबों, बेरोजगारों, किसानों और महिलाओं के लिए काम किया है. हर व्यक्ति के अंदर कोई न कोई क्षमता होती है. हर व्यक्ति की प्रतिभा को निखारने की जरूरत होती है, स्टार्ट-अप इसी का माध्यम है.
योगी ने कहा, "इससे पहले यह होता था कि वोट बैंक कैसे सुरक्षित होगा. राजनीति एक व्यवसाय जैसी हो गई थी, लेकिन हमारी सरकार ने इससे अलग हटकर अपनी जिम्मेदारी निभाई है. सरकार बनते ही बहुत-सी योजनाएं शुरू की गई हैं." योगी ने आगे कहा, "कूड़े का प्रबंधन कैसे किया जाए कि प्रदूषण भी कम हो और उससे ऊर्जा भी बनाई जा सके. इसके लिए तकनीक जरूरी है. लोग आज कूड़े से सड़क बना रहे हैं. अगर सड़क प्लास्टिक से बनेगी तो कभी खराब नहीं होगी. हमेशा के लिए गड्ढामुक्त हो जाएगी."
योगी ने कहा कि जल्द ही स्टार्ट-अप एप भी लाया जाएगा. स्टार्ट-अप की समस्याओं के लिए कॉल सेंटर बनेंगे. उत्तर प्रदेश शुरुआत करेगा तो देश शुरुआत करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने देश का प्रधानमंत्री बनते ही कई योजनाएं शुरू की हैं. (इनपुट्स : भाषा)
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