पटना:
पूरे देश में 21 जून को योग दिवस पर अपने अपने ढंग से कार्यक्रम किए जा रहे हैं। योग नगरी के नाम से मशहूर, बिहार के मुंगेर में विश्व प्रसिद्ध बिहार योग विद्यालय ने चौक चौराहों की जगह आश्रम के परगना से घर के आँगन तक योग का कार्यक्रम आयोजित किया है। इसके लिए लोगों से अपील की गई है कि सुबह 6.00 बजे से एक घंटे के लिए अपने घर की छत या सामुदायिक केंद्र की छत, बरामदे, आँगन या अन्य खुली जगह पर आसन और प्राणायाम करें।
बिहार योग विद्यालय द्वारा इस सम्बन्ध में जारी पत्र के अनुसार में ओम मंत्र का उच्चारण दो बार शुरू और अंत में होगा। पांच चक्र सूर्य नमस्कार भी होगा। इस पूरे कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि योग दिवस के अवसर पर शाम को भी एक घंटे का आयोजन किया गया है।
बिहार योग विद्यालय ने योग को एक विद्या, विज्ञान और जीवन शैली मानते हुए कहा है कि मनुष्य अपने जीवन में योग के माध्यम से कितनी भी पूर्णता प्राप्त कर सकता है, लेकिन 21 जून के बारे में भी कहा कि इस दिन दिन-रात पूरी तरह असंतुलित होते हैं क्योंकि दिन सबसे बड़ा और रात सबसे छोटी होती है और ऐसे समय योग उतना ठीक नहीं होता है।
बिहार योग विद्यालय जो मुंगेर में 1963 में स्थापित किया गया था। यह विद्यालय सत्यानन्द योग के नाम से पूरे विश्व में योग का प्रचार-प्रसार करता है। हालांकि वर्तमान में इसके प्रमुख स्वामी निरंजननंद योग दिवस के बारे में सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं बोल रहे है, लेकिन जानकारों का कहना है कि योग के माध्यम से राजनीति और आलोचना से वे खुश नहीं हैं। इसलिए बिहार योग विद्यालय द्वारा योग दिवस के कार्यक्रम में सूर्य नमस्कार से लेकर ओम मंत्र का उच्चारण एक तरह से उन लोगों को खुली चुनौती हैं जो इन दिनों योग दिवस के माध्यम से हर दिन नया शिगूफा छोड़ रहे हैं।
हालांकि बिहार योग विद्यालय का कहना है कि उनके द्वारा आश्रम के आँगन से घर की छत आंगन तक योग के कार्यक्रम की घोषणा अनेक व्यक्तियों और संस्थाओं के योग दिवस के सन्दर्भ में मार्गदर्शन के अनुरोध के बाद किया जा रहा है।
बिहार योग विद्यालय द्वारा इस सम्बन्ध में जारी पत्र के अनुसार में ओम मंत्र का उच्चारण दो बार शुरू और अंत में होगा। पांच चक्र सूर्य नमस्कार भी होगा। इस पूरे कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि योग दिवस के अवसर पर शाम को भी एक घंटे का आयोजन किया गया है।
बिहार योग विद्यालय ने योग को एक विद्या, विज्ञान और जीवन शैली मानते हुए कहा है कि मनुष्य अपने जीवन में योग के माध्यम से कितनी भी पूर्णता प्राप्त कर सकता है, लेकिन 21 जून के बारे में भी कहा कि इस दिन दिन-रात पूरी तरह असंतुलित होते हैं क्योंकि दिन सबसे बड़ा और रात सबसे छोटी होती है और ऐसे समय योग उतना ठीक नहीं होता है।
बिहार योग विद्यालय जो मुंगेर में 1963 में स्थापित किया गया था। यह विद्यालय सत्यानन्द योग के नाम से पूरे विश्व में योग का प्रचार-प्रसार करता है। हालांकि वर्तमान में इसके प्रमुख स्वामी निरंजननंद योग दिवस के बारे में सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं बोल रहे है, लेकिन जानकारों का कहना है कि योग के माध्यम से राजनीति और आलोचना से वे खुश नहीं हैं। इसलिए बिहार योग विद्यालय द्वारा योग दिवस के कार्यक्रम में सूर्य नमस्कार से लेकर ओम मंत्र का उच्चारण एक तरह से उन लोगों को खुली चुनौती हैं जो इन दिनों योग दिवस के माध्यम से हर दिन नया शिगूफा छोड़ रहे हैं।
हालांकि बिहार योग विद्यालय का कहना है कि उनके द्वारा आश्रम के आँगन से घर की छत आंगन तक योग के कार्यक्रम की घोषणा अनेक व्यक्तियों और संस्थाओं के योग दिवस के सन्दर्भ में मार्गदर्शन के अनुरोध के बाद किया जा रहा है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं