
- धनबाद जिले के बाघमारा थाना क्षेत्र के जमुनिया गांव में अवैध कोयला खनन के दौरान खदान धंसने से कई लोग दब गए हैं
- दबे हुए मजदूरों में गिरिडीह जिले के ताराटांड और जामताड़ा के निवासी चार लोग शामिल हैं, जिनकी पहचान हुई है
- फंसे मजदूरों में मौसरा भाई चरकू, अफजल खान साहब, दिलीप साव और मो जमशेद शामिल हैं, जिनके परिवार चिंतित हैं
धनबाद जिले के बाघमारा थाना इलाके के जमुनिया गांव कोयला के अवैध खनन के दरमियान चाल धंसने की घटना घटी है. यहां खदान के अंदर कई लोग दबे होने की बात कही जा रही है. जो लगो दबे हुए हैं उनमें चार लोग गिरिडीह जिले के ताराटांड थाना इलाके के तो एक व्यक्ति जामताड़ा का बताया जा रहा है. अभी तक जिन लोगों के दबे होने की बात कही जा रही थी उनमें गिरिडीह के ताराटांड थाना इलाके के कुंडलवादाह निवासी मौसरा भाई चरकू ऊर्फ अजीज अंसारी ( 35 वर्ष ) एवं अफजल ऊर्फ खान साहब ( 35 वर्ष ) शामिल हैं. इन दोनों के अलावा बुढ़वाशेर निवासी दिलीप साव ( 32 वर्ष ) तथा बदगुंदा पंचायत के मथुरासिंघा निवासी मो जमशेद ( 30 वर्ष ) शामिल हैं.
चरकू की पत्नी साजदा खातून के दस बच्चे हैं. इनके घर का माहौल गमगीन है. पत्नी, बच्चे की आंखें नम है. यहां चरकू की पत्नी से बात की गई. साजदा खातून ने बताया कि उसके पति काम करने कतरास -बाघमारा गए थे. इस बीच खबर आयी कि वे जिस कोयला खदान में काम कर रहे थे वहां हादसा हो गया और यहां के चार लोग समेत कई लोग दब गए. यह सुनकर गांव के कई लोगों के साथ वह भी गई लेकिन उन्हें खदान के पास जाने नहीं दिया गया. इनका कहना है कि अंदर में उनके पति समेत लोग फंसे थे वहीं ऊपर से मिट्टी - पत्थर डाल दिया गया.
इसी गांव के जियाउल अंसारी ने बताया कि कोयला के अवैध खदान में काम करने यहां से गए लोगों में चार लोग अंदर ही फंस गए हैं. बताया कि वे लोग अब प्रशासन से यही मांग कर रहे हैं चरकू समेत फंसे हुए अन्य लोगों को निकाला जाए. यदि मौत हो गई है तो उन्हें बॉडी दिया जाए.
खदान में दबे अफजल ऊर्फ खान साहब की पत्नी नुरेशा खातून से बात की गई. बताया कि अफजल मजदूर है और काम करने कतरास की तरफ गया था. अफजल भी उसी खदान के अंदर कोयला काटने गया था जहां हादसा हुआ है. इनका कहना है कि वे लोग एक बार अफजल का दीदार करना चाहते हैं.
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