विज्ञापन
This Article is From Oct 06, 2019

जब जवाहरलाल नेहरू को देखने जुटी भीड़ की धक्का-मुक्की में जमीन पर गिर गईं एडविना

एंड्र्यू लॉनी की नयी पुस्तक ‘‘द माउंटबेटन्स : देयर लाइव्स एंड लव्स” में एडविना, माउंटबेटन और जवाहरलाल नेहरू से जुड़े कई दिलचस्प किस्सों का जिक्र है.

जब जवाहरलाल नेहरू को देखने जुटी भीड़ की धक्का-मुक्की में जमीन पर गिर गईं एडविना
जवाहरलाल नेहरु के साथ एडविना माउंटबेटन (फोटो साभार: AFP)
नई दिल्ली:

जवाहरलाल नेहरू के 1946 में सिंगापुर के दौरे के दौरान उस वक्त एक अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई थी जब उनके स्वागत के लिए सामुदायिक केंद्र के बाहर उनकी एक झलक पाने को आतुर भीड़ की धक्का-मुक्की में एडविना माउंटबेटन जमीन पर गिर पड़ीं जो वहां नेहरू की प्रतीक्षा में खड़ी थीं. कांग्रेस का प्रमुख सदस्य होने के नाते, नेहरू को भारतीय सैनिकों से मुलाकात करने और मलाया में विशाल भारतीय समुदाय की स्थितियों का अध्ययन करने के लिए मार्च के मध्य में सिंगापुर आमंत्रित किया गया था. ब्रिटिश अधिकारी परेशानी खड़ी होने की आशंका के चलते नेहरू को भारतीय सैनिकों से मिलवाने के इच्छुक नहीं थे, लेकिन वहां दक्षिण पूर्वी एशिया कमान (एसईएएसी) के साथ जुड़े लुई माउंटबेटन ने नेहरू का अनुरोध मानने पर जोर दिया. इन सारे वाकयों का जिक्र एंड्र्यू लॉनी की नयी पुस्तक ‘‘द माउंटबेटन्स : देयर लाइव्स एंड लव्स” में है. 

हार्पर कोलिन्स इंडिया द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में कहा गया, “माउंटबेटन को इस बात का एहसास था कि वह भारत के पहले प्रधानमंत्री हो सकते हैं और अगर उनके साथ अच्छे से व्यवहार नहीं किया गया तो ब्रिटिश कार्रवाई ब्रिटिश विरोधी भावनाओं को और भड़का देगी.” 

माउंटबेटन ने आग्रह किया था कि वह हवाई अड्डे पर नेहरू से मुलाकात करेंगे और उन्हें अपनी लीमोजीन में सेंट जॉन एंबुलेंस भारतीय कल्याण केंद्र लेकर आएंगे जहां एडविना उनकी प्रतीक्षा कर रही होंगी. लॉनी ने लिखा है, “केंद्र में नेहरू के आगमन से पहले तक सब ठीक था. अति उत्साहित भीड़ उनकी तरफ दौड़ी और इस भाग-दौड़ में एडविना नीचे गिर पड़ीं.” 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com