यूरोपीय संघ (ईयू) ( European Union) ने भारतीय नागरिकों के लिए हाल ही में खास तरह से तैयार एक संशोधित वीज़ा सिस्टम शुरू किया है. यह नया सिस्टम भारतीय नागरिकों के लिए लाभकारी है. इससे उनका लॉन्ग टर्म, मल्टीपल एंट्री शेंगेन वीजा (Schengen Visa) तक पहुंच आसान हो जाएगी. यूरोप जाने वाले भारतीय नागरिक अब 5 साल के लिए मल्टीपल एंट्री शेंगेन वीजा के लिए अप्लाई कर सकेंगे. इस वीजा के जरिए 20 से ज्यादा देशों की यात्रा की जा सकेगी. अभी तक 3 सालों में दो वीजा लेने होते थे. शेंगेन वीजा के जरिए शेंगेन क्षेत्र में वेंचर चलाने वालों को फायदा हो सकता है.
शेंगेन वीज़ा क्या है?
शेंगेन क्षेत्र में 27 यूरोपीय संघ के देशों में से 25 देश शामिल हैं, इनमें आयरलैंड गणराज्य और साइप्रस शामिल नहीं हैं. शेंगेन क्षेत्र में आइलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड के साथ-साथ बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली और स्पेन जैसे देश शामिल हैं. यह विस्तृत क्षेत्र से सिर्फ विविध सांस्कृतिक अनुभव ही नहीं मिलते, बल्कि वीजा धारक बिना बाधा बॉर्डर पार आसनी से जा सकते हैं. शेंगेन वीजा से शेंगेन क्षेत्र में बिना किसी बाधा के यात्रा की जा सकेगी.
शेंगेन वीज़ा के जरिए 180 दिन की अविधि में अधिकतम 90 दिनों तक छोटे प्रवास के लिए परमिशन होगी. यह वीज़ा या तो सिंगल-एंट्री के रूप में जारी किया जा सकता है, जो शेंगेन क्षेत्र में प्रवेश को आसान बनाएगा. या इसे मल्टीपल एंट्री के रूप में भी जारी किया जा सकता है. इससे यूरोपीय देशों में आसानी से जाया जा सकेगा.
नए नियमों से भारतीयों कैसे होंगे फायदा कैसे?
नए नियमों के तहत, भारतीय यात्री अब दो साल का शेंगेन वीज़ा पा सकते हैं. नई व्यवस्था 18 अप्रैल से लागू हो गई है. इसका फायदा उन भारतीय नागरिकों को मिलेगा, जो पिछले तीन सालों में 2 बार कानूनी रूप से वीजा पाकर उसका उपयोग कर चुके हैं. ऐसे लोगों को दो साल के लिए मल्टीपल एंट्री वाला शेंगेन वीजा दिया जा सकता है. जो भी भारतीय दो साल के वीजा का उपयोग सफलतापूर्वक करेगा, वह पांच साल के लिए शेंगेन वीज़ा पाने का पात्र होगा. लेकिन शर्त यह है कि उसका पासपोर्ट वैध होना चाहिए.
नए नियम के तहत किसी एडिशनल परमिट के बिना कभी भी 180-दिन की अवधि के भीतर 90 दिनों तक के छोटे प्रवास के लिए शेंगेन सदस्य देशों में स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं. इस सिस्टम के तहत, यात्रा के बढ़िया ट्रैक रिकॉर्ड वाले यात्रियों के लिए इसे आगे बढ़वाना आसान हो जाएगा. लेकिन वापस यूरोप में आने के लिए उनको 180 दिन का फिर से इंतजार करना होगा.खास बात यह है कि बार-बार वीजा अप्लाई करने से छुटकारा मिल जाएगा. नए बदलाव का फैसला यूरोपीय संघ और भारत के बीच संबंधों में सुधार के व्यापक संदर्भ में लिया गया है.
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