विज्ञापन
This Article is From Jan 04, 2019

क्या JPC की जांच से डर रही है मोदी सरकार, पढ़ें पुरानी रिपोर्ट्स का हाल और एक बड़ा संयोग

सवाल इस बात का है कि जेपीसी के गठन के बाद क्या मोदी सरकार इसकी जांच में फंस सकती है.

क्या JPC की जांच से डर रही है मोदी सरकार, पढ़ें पुरानी रिपोर्ट्स का हाल और एक बड़ा संयोग
नई दिल्ली:

राफेल मुद्दे  पर कांग्रेस लगातार संयुक्त संसदीय समिति की मांग कर रही है. कांग्रेस का दावा है कि जेपीसी के जरिए ही इस मुद्दे में दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है. कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि रक्षा मंत्री और रक्षा मंत्रालय के फाइलों में राफेल घोटाले के राज दफन हैं. रक्षा मंत्रालय की टीम ने सौदे पर सवाल उठाया पर मोदी जी ने उसे रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति से उसे पास करा लिया.  पीएम मोदी ने राफेल जहाज का बेंचमार्क कीमत  39422 करोड़ से बढ़ाकर 62166 करोड़ रुपये क्यों कर दिया. सवाल इस बात का है कि जेपीसी के गठन के बाद क्या मोदी सरकार इसकी जांच में फंस सकती है और इससे पहले भी कई ऐसे ही आरोपों पर जेपीसी का गठन हो चुका है और उनकी रिपोर्ट का क्या हुआ

राफेल : जेपीसी की मांग पर अड़ी कांग्रेस, रणदीप सुरजेवाला ने कहा- तभी दूध का दूध, पानी का पानी होगा

क्या होती हैं संयुक्त संसदीय समिति
इसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य होते हैं. इनका चयन 2:1 की अनुपात से किया जाता है. मामले की जांच के लिए कानून विशेषज्ञों की राय, सरकारी संस्थानों की मदद की ले सकती है. जेपीसी के सामने पेश न होने पर इसे सदन की अवमानना माना जाता है. जिस मामले की जेपीसी जांच करती है उससे संबंधित किसी भी दस्तावेज को वह खंगाल सकती है. जेपीसी का अध्यक्ष जिसे बनाया जाता है वह जांच पूरी हो जाने के बाद इस पर प्रेस कांन्फेंस कर सकता है.

मोदी सरकार पर फिर कांग्रेस का हमला: JPC से ही होगा राफेल का खुलासा, मोदी जी झूठ पर झूठ बोल रहे हैं

कब गठित हो चुकी है जेपीसी 

1-बोफोर्स कांड 1987 : राजीव गांधी सरकार के समय हुए बोफोर्स सौदे की जांच के लिए 1987 में जेपीसी का गठन किया गया था. इसके अध्यक्ष कांग्रेस नेता बी. शंकरानंद थे. इस समिति की 50 बैठकें हुई थीं और 26 अप्रैल को 1988 को समिति ने अपनी रिपोर्ट दी. जिसका विपक्षी पार्टियों ने बहिष्कार कर दिया क्योंकि इसमें सबको क्लीनचिट दे दी गई थी.

कांग्रेस के सवालः 11 महीने से बीमार मनोहर पर्रिकर कैसे बने हुए हैं गोवा के मुख्यमंत्री

2-हर्षद मेहता कांड : 1992 में सिक्योरिटी और बैंक लेनदेन घोटाला कांड की जांच के लिए जेपीसी का गठन किया गया. इस समिति की रिपोर्ट को न तो पूरी तरह से स्वीकार किया गया और न ही उसे लागू किया गया. 

राफेल डील का क्या है पूरा माजरा, सवाल-जवाब फार्मेट में समझें पूरा मामला

3-केतन पारेख शेयर मार्केट घोटाला : 2001 में शेयर बाजार घोटाला मामले की जांच के लिए समिति का गठन हुआ. इसके अध्यक्ष बीजेपी नेता प्रकाश मणि त्रिपाठी को बनाया गया था. समिति की 105 की बैठकें हुईं. समिति की रिपोर्ट ने शेयर बाजार में व्यापक बदलाव की सिफारिश की. बाद में कई सिफारिशों को कमजोर कर दिया गया. 

शिवसेना का BJP पर हमला, 'NDA किसी एक पार्टी की जागीर नहीं', राफेल में चोरी नहीं तो JPC जांच से डर क्यों?

4-सॉफ्ट ड्रिंक में कीटनाशक : साल 2003 में इस मुद्दे को लेकर भी जेपीसी का गठन किया गया. इसके अध्यक्ष एनसीपी नेता शरद पवार को बनाया गया. समिति की जांच में पाया गया कि सॉफ्ट ड्रिंक और कई पेय पदार्थों में कीटनाशक मिलाया गया है. लेकिन बाद में इसकी सिफारिशों को ठंडे में बस्ते में डाल दिया गया. 

लोकसभा में राहुल की हुंकार पर राज्यसभा में सुषमा का पलटवार: विवाद राफेल डील में नहीं, कांग्रेस के दिमाग में है

5-2 जी घोटाला : यूपीए सरकार के समय इस बहुचर्चित कथित घोटाले की जांच के लिए भी जेपीसी का गठन किया गया. इसके अध्यक्ष कांग्रेस नेता पीसी चाको को बनाया गया. इसमें कुल 30 सदस्य थे. इस समिति की जांच रिपोर्ट में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को क्लीनचिट दे दी गई. इस समिति की रिपोर्ट पर भी काफी बवाल हुआ था.

'लगता है कि पीएम मोदी परीक्षा से भागे': LPU के छात्रों से बोले राहुल- अब आप ही पूछना मेरे 4 सवालों के जवाब

6- वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील : साल 2013 में  समिति का गठन किया गया लेकिन इसके बाद सरकार बदल गई. 

आपको बता दें कि जेपीसी को लेकर एक संयोग भी जुड़ा हुआ है कि जिस भी सरकार ने इसका गठन किया है वह दोबारा वापस लौटकर नहीं आई है. वहीं इतना तो साफ है कि मोदी सरकार राफेल पर जेपीसी का गठन नहीं करेगी क्योंकि लोकसभा में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि बोफोर्स कांड में गठित जेपीसी ने सबको क्लीनचिट दे दी थी जबकि बाद में कई लोग फंसे थे. 

राफेल मुद्दे पर संसद में गतिरोध जारी, राज्यसभा में उठे सवाल​

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com