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This Article is From Nov 21, 2017

संसद के शीत सत्र में देरी पर कांग्रेस और सरकार के बीच 'संग्राम'

विपक्ष ने आरोप लगाया है कि गुजरात चुनाव की वजह से सरकार संसद में विपक्ष के सवालों से बचना चाहती है. उधर सरकार ने इन आरोपों को गलत करार दिया है.

संसद के शीत सत्र में देरी पर कांग्रेस और सरकार के बीच 'संग्राम'
संसद भवन की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र को बुलाने में देरी के सवाल पर आरोप-प्रत्यारोप तेज़ हो गए हैं. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि गुजरात चुनाव की वजह से सरकार संसद में विपक्ष के सवालों से बचना चाहती है. उधर सरकार ने इन आरोपों को गलत करार दिया है. सोमवार को सोनिया गांधी ने शीत सत्र के साथ बेईमानी का जो आरोप सरकार पर लगाया, उसे कांग्रेस और बाकी विपक्ष ने मंगलवार को और आगे बढ़ा दिया. यह याद दिलाते हुए कि इन दिनों संसद बहुत कम चलाई जा रही है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस साल अब तक लोकसभा सिर्फ 38 दिन बुलाई गई है, जो अब तक का रिकॉर्ड है.

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उधर लेफ्ट भी इस विवाद में कांग्रेस के साथ खड़ी हो गई है. सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने एनडीटीवी से कहा, 'गुजरात में विधानसभा साल में एक महीने भी नहीं चलती है. साफ है, इसी गुजरात मॉडल को यहां लागू करने की तैयारी है.' गुजरात चुनाव से पहले संसद के शीतकालीन सत्र को बुलाने में देरी की वजह से विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है. लेकिन जहां विपक्षी दल लगातार सरकार पर राजनीतिक हमले कर रहे हैं, सरकार ने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है. संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि इससे पहले 2008 और 2011 में भी शीतकालीन सत्र को देर से बुलाया गया जब कांग्रेस सत्ता में थी. सरकार की तरफ से ये भी कहा गया है कि अब तक दो बार शीत सत्र क्रिसमस के बाद बुलाया गया और 4 बार शीतसत्र क्रिसमस के बाद खत्म हुए. साफ है, सरकार इस मामले में झुकने को तैयार नहीं हैं. इस विवाद से ये सवाल खड़ा हो गया है कि क्या वाकई संसद की अनदेखी हो रही है?

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उधर इस राजनीतिक विवाद के बीच पहली बार संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने मंगलवार को कहा कि अगले दो दिन में कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक हो सकती है, जिसमें संसद की शीतकालीन सत्र की तारीख पर विचार होगा. इस संदर्भ में ये समझना महत्वपूर्ण है कि कैबिनेट समिति के तारीख तय करने के 15 दिन बाद ही संसद का सत्र बुलाया जा सकता है. साफ है, अब उतना समय भी नहीं बचा है कि गुजरात में वोटिंग से पहले संसद का शीतकालीन सत्र बुलाया जाए.

VIDEO : शीत सत्र में देरी पर कांग्रेस ने सरकार पर बोला हमला
यानी अब ये लगभग तय है कि गुजरात में चुनावों के दौरान सत्र बुलाया जाएगा, इसकी संभावना बहुत कम है. जाहिर है, गुजरात चुनावों के दौरान ये विवाद एक राजनीतिक मुद्दा बना रहेगा.

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