मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)
भोपाल:
व्यापमं घोटाला और उससे जुड़ी 35 लोगों की मौत ने शिवराज सिंह चौहान की सरकार को शक के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। पढ़िए इस मामले से जुड़ी दस अहम बातें।
1. यह घोटाला सबसे पहले 2013 में सुर्खियों में आया था जब रिश्वत देकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती की बात सामने आई थी। मेडिकल कॉलेज में भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा में अपनी जगह किसी और को बिठाने के लिए नेताओं से लेकर अफसरों तक कई लोगों को रिश्वत दी जाती रही है।
2. सिर्फ मेडिकल ही नहीं सरकारी नौकरियों को भी इस तरह बेचने के लिए व्यापमं में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होता रहा है।
3. व्यापमं दरअसल व्यावसायिक परीक्षा मंडल का छोटा नाम है।
4. घोटाले की जांच शुरु होने से लेकर अब तक कुल पैंतीस लोगों की जानें जा चुकी हैं। इसमें गवाहों और दोषियों के अलावा एक पत्रकार और जांच में मदद करने वाले कुछ लोग भी शामिल हैं।
5. अगस्त 2013 में इस मामले की जांच का काम मध्य प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के सुपुर्द कर दिया गया था लेकिन अब राज्य के मुख्यमंत्री ने केस को सीबीआई के हवाले करने की बात कही है।
6. सीबीआई जांच के लिए इस मामले पर निगरानी रखने वाली मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की मंजूरी ज़रूरी है।
7. घोटाले में 2500 आरोपी हैं जिनमें से 2000 को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक बाकी आरोपी फरार हैं।
8. गिरफ्तार आरोपियों में 900 वे लोग हैं जो सरकारी नौकरी के लिए उम्मीदवार थे, जबकि 450 उन बच्चों के अभिभावक हैं।
9. इस मामले में अभी तक 56 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।
10. विपक्ष में बैठी कांग्रेस का आरोप है कि अब तक इस घोटाले में करीब 77 लाख उम्मीदवारों ने रिश्वत दी है।
1. यह घोटाला सबसे पहले 2013 में सुर्खियों में आया था जब रिश्वत देकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती की बात सामने आई थी। मेडिकल कॉलेज में भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा में अपनी जगह किसी और को बिठाने के लिए नेताओं से लेकर अफसरों तक कई लोगों को रिश्वत दी जाती रही है।
2. सिर्फ मेडिकल ही नहीं सरकारी नौकरियों को भी इस तरह बेचने के लिए व्यापमं में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होता रहा है।
3. व्यापमं दरअसल व्यावसायिक परीक्षा मंडल का छोटा नाम है।
4. घोटाले की जांच शुरु होने से लेकर अब तक कुल पैंतीस लोगों की जानें जा चुकी हैं। इसमें गवाहों और दोषियों के अलावा एक पत्रकार और जांच में मदद करने वाले कुछ लोग भी शामिल हैं।
5. अगस्त 2013 में इस मामले की जांच का काम मध्य प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के सुपुर्द कर दिया गया था लेकिन अब राज्य के मुख्यमंत्री ने केस को सीबीआई के हवाले करने की बात कही है।
6. सीबीआई जांच के लिए इस मामले पर निगरानी रखने वाली मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की मंजूरी ज़रूरी है।
7. घोटाले में 2500 आरोपी हैं जिनमें से 2000 को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक बाकी आरोपी फरार हैं।
8. गिरफ्तार आरोपियों में 900 वे लोग हैं जो सरकारी नौकरी के लिए उम्मीदवार थे, जबकि 450 उन बच्चों के अभिभावक हैं।
9. इस मामले में अभी तक 56 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।
10. विपक्ष में बैठी कांग्रेस का आरोप है कि अब तक इस घोटाले में करीब 77 लाख उम्मीदवारों ने रिश्वत दी है।
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