उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में रविवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वृंदावन क्षेत्र में चंद्रोदय मंदिर की आधारशिला रखी। यह मंदिर 700 फुट ऊंचा होगा। निर्माण के बाद यह विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर होगा।
इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व के सबसे ऊंचे मंदिर के गर्भगृह का शिलान्यास करना उनके लिए सम्मान और गौरव की बात है। मंदिर का गर्भगृह जमीन से करीब 15 मीटर ऊंचा है।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की पवित्र धरती पर आकर वह बेहद खुश हैं। चंद्रोदय मंदिर के गर्भगृह का शिलान्यास करना उनके लिए गर्व की बात है। वृंदावन में आध्यात्मिक केंद्र बनेगा। साथ ही पांच हजार साल पुराना कृष्ण के जमाने का वैभव भी लौटेगा।।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत विकासशील से आगे बढ़कर अब विकासित राष्ट्र बनने की राह पर है। इस परिस्थिति में देशवासियों और खासकर युवाओं पर सामाजिक व आर्थिक दबाव बढ़ेंगे। ऐसे में आध्यात्मिकता की ज्यादा जरूरत होगी।
मंदिर की आधारशिला रखने के बाद प्रणब बांके बिहारी मंदिर में दर्शन करने गए, जहां उन्होंने करीब 20 मिनट तक पूजा-अर्चना की। इसके बाद हेलिकॉप्टर से दिल्ली वापस लौट गए।
इसके पूर्व उप्र के राज्यपाल राम नाइक, सांसद हेमा मालिनी और उप्र के कारागार मंत्री बलराम यादव ने उनका स्वागत किया। इस दौरान ऑस्कर फर्नांडिस सहित कई विशिष्ट लोग मौजूद रहे। मथुरा प्रशासन ने इन लोगों की सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए थे।
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