पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. इन सीटों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए मतदाता भी तैयार हैं. पहले चरण में 19 अप्रैल को जिन सीट पर मतदान होना है, उनमें राज्य के पश्चिमी क्षेत्र की सहारनपुर, बिजनौर, कैराना, मुजफ्फरनगर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत लोकसभा सीट शामिल हैं. इन सीटों पर चुनाव प्रचार में सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत लगायी.
लगभग सभी सीटों पर भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन, विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. पुलिस महानिदेशक कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रदेश के नौ जनपदों सहारनपुर, शामली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत में स्थित आठ लोकसभा क्षेत्रों के 7,689 मतदान केंद्रों के 14,849 मतदेय स्थलों पर मतदान होना है.
पुलिस महानिदेशक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, प्रथम चरण के मतदान को सकुशल संपन्न कराने हेतु 6018 निरीक्षक/उप निरीक्षक, 35750 मुख्य आरक्षी/आरक्षी, 24992 होमगार्ड, 60 कंपनी पीएसी बल तथा 220 कंपनी अर्ध सैनिक बल की व्यवस्था की गई है. इसके अतिरिक्त 6764 ग्राम चौकीदार तथा 155 पीआरडी जवान भी तैनात किये गये हैं.
सभी नौ जनपदों मे 348 फ्लाइंग स्क्वायड टीम, 459 स्टैटिक सर्विलांस टीम तथा 55 क्यूआरटी टीम का गठन कर निरंतर चौकसी तथा जांच पड़ताल की जा रही है. इस चरण के चुनाव में विभिन्न दलों से कुल 80 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 73 पुरुष और सात महिलाएं हैं. मुरादाबाद से 12, कैराना से 14, मुजफ्फरनगर और बिजनौर से 11-11, सहारनपुर और पीलीभीत से 10-10, नगीना और रामपुर से छह-छह उम्मीदवार मैदान में हैं.
चुनाव आयोग के मुताबिक, पहले चरण में कुल 1.43 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे. लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल से और सपा ने कांग्रेस से हाथ मिलाया है. बसपा ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
इन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं के लिए रोजगार, शिक्षा और विकास प्रमुख मुद्दे हैं. भाजपा ने विकास और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को केंद्र में रखकर अभियान चलाया है, तो वहीं विपक्षी नेताओं ने क्षेत्र में कृषि विधेयक और रोजगार के मुद्दे उठाए हैं. पहले चरण के चुनाव के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेरठ और पीलीभीत में रैलियों को संबोधित किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन सीटों पर 20 से अधिक रैलियों को संबोधित कर चुके हैं.
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने भी पहले चरण में चुनाव वाले अनेक लोकसभा क्षेत्रों में रैलियों को संबोधित किया. कांग्रेस महासचिव और स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने इन चुनावों में राज्य में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज कराते हुए पार्टी उम्मीदवार इमरान मसूद के पक्ष में सहारनपुर में एक रोड शो किया. मसूद विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं.
बसपा अध्यक्ष मायावती और उनके भतीजे आकाश आनंद ने भी अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में चुनावी सभाओं को संबोधित किया. सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीलीभीत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद और नगीना में रैलियों को संबोधित किया. इस चरण के प्रमुख उम्मीदवारों में पीलीभीत से जितिन प्रसाद, मुजफ्फरनगर से केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और नगीना से आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद शामिल हैं.
रामपुर में सपा के मुस्लिम चेहरे आजम खान की निर्वाचन क्षेत्र में गैरमौजूदगी दिख रही है. आजम इस समय सीतापुर की जेल में बंद हैं. पहले चरण में जिन आठ सीट पर मतदान हो रहा है, उनमें से 2019 के चुनाव में भाजपा ने तीन (मुजफ्फरनगर, कैराना और पीलीभीत), सपा ने दो (मुरादाबाद और रामपुर) और बसपा ने तीन (सहारनपुर, नगीना और बिजनौर) सीट पर जीत दर्ज की थी. बाद में हुए उपचुनाव में भाजपा ने रामपुर सीट पर जीत हासिल की थी.
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