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LoC पर सर्दियों पर चौकसी तेज, कश्मीर के ऊंचे पहाड़ी इलाके में सेना पहले से ज्यादा अलर्ट

खुफिया सूत्रों के मुताबिक सर्दियों में आतंकी घुसपैठ की कोशिश बढ़ा सकते हैं. अब आतंकी अपना तौर तरीका बदल रहे हैं. वे अब कम बातचीत करते हैं और पकड़े जाने से बचने के लिए स्थानीय मोबाइल नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं.

LoC पर सर्दियों पर चौकसी तेज, कश्मीर के ऊंचे पहाड़ी इलाके में सेना पहले से ज्यादा अलर्ट
लगाम आतंकी हमले के बाद सेना ने सर्दियों से पहले सुरक्षा व्यवस्था काफी मजबूत की है.
  • सर्दियों में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों द्वारा घुसपैठ का खतरा बढ़ जाता है इसलिए सुरक्षा कड़ी की गई है.
  • एलओसी के पास सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई और बाड़ को मजबूत कर दिया गया है.
  • सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल बढ़ाया गया है ताकि आतंकी किसी भी परिस्थिति में घुसपैठ न कर सकें.
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नई दिल्ली:

सर्दियों में जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ का खतरा बढ़ जाता है. खासकर ऊंची पहाड़ियों पर बर्फबारी और हाड़ कंपाने वाली सर्दी का फायदा उठाने के फिराक में आतंकी लगे रहते हैं . इसे रोकने के लिए सेना ने एलओसी के पास गश्त तेज कर दी है. ऊंचे पहाड़ों, जंगलों और दर्रों में सैनिकों की मौजूदगी बढ़ाई गई है. घना कोहरा और कम आवाजाही आतंकियों के लिए मौके बना सकती है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद सेना ने सर्दियों से पहले सुरक्षा व्यवस्था काफी मजबूत की है. एलओसी पर बाड़ को मजबूत किया गया है और जरूरी जगहों पर सैनिकों की दोबारा तैनाती की गई है. दुर्गम और घुसपैठ के परंपरागत रास्ते पर सेना ने चौकसी बढ़ा दी हैं.

अतिरिक्त जवान तैनात किए गए

खुफिया सूत्रों के मुताबिक सर्दियों में आतंकी घुसपैठ की कोशिश बढ़ा सकते हैं. अब आतंकी अपना तौर तरीका बदल रहे हैं. वे अब कम बातचीत करते हैं और पकड़े जाने से बचने के लिए स्थानीय मोबाइल नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं. पिछले ऑपेरशन से सबक लेते हुए तकनीकी निगरानी के साथ-साथ मानवी खुफिया जानकारी भी जुटाए जा रही है. इसी को देखते हुए अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं. थर्मल कैमरे, ड्रोन और हाईटेक उपकरणों से निगरानी बढ़ाई गई है. खुफिया जानकारी जुटाने और सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल भी मजबूत किया गया है.

आतंकवादियों की रणनीति में बदलाव के चलते सुरक्षा बलों ने अपने कार्य प्रणाली में भी जरूरी बदलाव किये है. कोशिश यही है कि आतंकी किसी भी सूरते हाल में घुसपैठ ना कर पाए. यही वजह है कि कड़ाके की ठंड के बावजूद जम्मू और कश्मीर के  ऊंचे पहाड़ी इलाके में सेना पहले से ज़्यादा अलर्ट है.

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