पत्रकार जगेंद्र की फाइल फोटो
शाहजहांपुर:
उत्तर प्रदेश के सियासी और समाजी गलियारों में गुबार उठाने वाले पत्रकार जगेंद्र कथित हत्याकांड मामले में उसके बेटे ने अपने रुख में नाटकीय बदलाव करते हुए आरोपी राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा को निर्दोष करार दिया। इसके साथ ही उसने मामले की सीबीआई जांच के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को वापस ले लिया।
जगेंद्र के बेटे राहुल ने इस प्रकरण के आरोपी पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा को निर्दोष करार दिया और कहा कि उसके पिता ने गिरफ्तारी से होने वाली बदनामी से बचने के लिए खुद को आग लगाई थी, लेकिन वह ज्यादा हो गई और जगेंद्र बुरी तरह झुलस गए जिससे बाद में उसकी मौत हो गई।
राहुल ने कहा कि उनके पिता जगेंद्र कुछ राजनेताओं की साजिश के शिकार हो गए थे, इसलिए उन्होंने राज्यमंत्री वर्मा के खिलाफ लिखना शुरू कर दिया था। वर्मा पूरी तरह निर्दोष हैं और उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।
उसने कहा कि मामले की सीबीआई जांच के आदेश देने के आग्रह के सम्बन्ध में उसने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दायर की थी, वह अब वापस ले ली गई है।
इस बीच, राज्यमंत्री वर्मा पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने कहा कि उसने आरोप जगेंद्र के बहकावे में आकर लगाए थे। बीती एक जून को शाहजहांपुर में सदर बाजार इलाके की आवास विकास कॉलोनी स्थित अपने घर पर पुलिस की छापेमारी के दौरान पत्रकार जगेंद्र संदिग्ध परिस्थितियों में झुलस गए थे और आठ जून को उनकी मौत हो गई थी।
पत्रकार के परिजन की शिकायत पर पुलिस ने प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा और तत्कालीन थाना प्रभारी समेत कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बीती 22 जून को पत्रकार की कथित तौर पर जलाकर हत्या किए जाने के मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था।
पत्रकार के पिता और बेटे ने 22 जून को ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। इस दौरान अखिलेश ने न्याय का भरोसा दिलाने के साथ-साथ पीड़ित परिवार को 30 लाख रुपये की मदद तथा पत्रकार के दोनों बच्चों को सरकारी नौकरी दिलाने की घोषणा की थी।
इस बीच, जगेंद्र मामले को जोरशोर से उठाने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने मृत पत्रकार के पुत्र के रुख में अचानक आए बदलाव के पीछे दबाव की आशंका जाहिर करते हुए प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर जगेंद्र के बेटों तथा मामले के सभी गवाहों की सुरक्षा करने तथा सही बात सामने लाने के लिए राज्य सरकार को उपयुक्त माहौल बनाने के निर्देश देने का अनुरोध किया है।
ठाकुर ने कहा, 'जगेंद्र के बेटों ने उनके सामने कहा था कि उनके पिता को राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा के कारण मारा गया है। जिस तरह मृत पत्रकार के परिजन अपने बयान बदल रहे हैं, उससे लगता है कि वर्मा अपनी ताकत और सत्ता का दुरुपयोग करके गवाहों पर अनुचित दबाव बना रहे हैं।'
जगेंद्र के बेटे राहुल ने इस प्रकरण के आरोपी पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा को निर्दोष करार दिया और कहा कि उसके पिता ने गिरफ्तारी से होने वाली बदनामी से बचने के लिए खुद को आग लगाई थी, लेकिन वह ज्यादा हो गई और जगेंद्र बुरी तरह झुलस गए जिससे बाद में उसकी मौत हो गई।
राहुल ने कहा कि उनके पिता जगेंद्र कुछ राजनेताओं की साजिश के शिकार हो गए थे, इसलिए उन्होंने राज्यमंत्री वर्मा के खिलाफ लिखना शुरू कर दिया था। वर्मा पूरी तरह निर्दोष हैं और उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।
उसने कहा कि मामले की सीबीआई जांच के आदेश देने के आग्रह के सम्बन्ध में उसने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दायर की थी, वह अब वापस ले ली गई है।
इस बीच, राज्यमंत्री वर्मा पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने कहा कि उसने आरोप जगेंद्र के बहकावे में आकर लगाए थे। बीती एक जून को शाहजहांपुर में सदर बाजार इलाके की आवास विकास कॉलोनी स्थित अपने घर पर पुलिस की छापेमारी के दौरान पत्रकार जगेंद्र संदिग्ध परिस्थितियों में झुलस गए थे और आठ जून को उनकी मौत हो गई थी।
पत्रकार के परिजन की शिकायत पर पुलिस ने प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा और तत्कालीन थाना प्रभारी समेत कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बीती 22 जून को पत्रकार की कथित तौर पर जलाकर हत्या किए जाने के मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था।
पत्रकार के पिता और बेटे ने 22 जून को ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। इस दौरान अखिलेश ने न्याय का भरोसा दिलाने के साथ-साथ पीड़ित परिवार को 30 लाख रुपये की मदद तथा पत्रकार के दोनों बच्चों को सरकारी नौकरी दिलाने की घोषणा की थी।
इस बीच, जगेंद्र मामले को जोरशोर से उठाने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने मृत पत्रकार के पुत्र के रुख में अचानक आए बदलाव के पीछे दबाव की आशंका जाहिर करते हुए प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर जगेंद्र के बेटों तथा मामले के सभी गवाहों की सुरक्षा करने तथा सही बात सामने लाने के लिए राज्य सरकार को उपयुक्त माहौल बनाने के निर्देश देने का अनुरोध किया है।
ठाकुर ने कहा, 'जगेंद्र के बेटों ने उनके सामने कहा था कि उनके पिता को राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा के कारण मारा गया है। जिस तरह मृत पत्रकार के परिजन अपने बयान बदल रहे हैं, उससे लगता है कि वर्मा अपनी ताकत और सत्ता का दुरुपयोग करके गवाहों पर अनुचित दबाव बना रहे हैं।'
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