ब्रिटेन में हुए चुनाव में इस बार काफी उलटफेर देखने को मिला. लेबर पार्टी ने 650 में से 412 सीटें हासिल कर प्रचंड जीत हासिल की है. 14 साल बाद कंजर्वेटिव पार्टी को जनता ने सत्ता से बाहर कर दिया. भारत के लिहाज से भी यह चुनाव कई मायनों में खास रहा है. भारतीय मूल के 29 सांसद इन चुनावों में जीतकर हाउस ऑफ कॉमन्स में पहुंचे हैं. इनमें से एक हैं कनिष्क नारायण, जिनका संबंध बिहार के मुजफ्फरपुर से रहा है. बिहार के लाल ने सात समंदर पार ब्रिटेन में मुजफ्फरपुर का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. ब्रिटेन में सांसद चुने जाने के बाद कनिष्क के सुंडू हाउस स्थित घर पर उनका परिवार खुशी मना रहा है, वहीं मुजफ्फरपुर स्थित उनके पैतृक आवास पर उनके रिश्तेदारों जश्न का माहौल है.
12 साल की उम्र में पहुंचे इंग्लैंड
कनिष्क नारायण ब्रिटिश संसद में वेल्स का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले ब्रिटिश भारतीय बने हैं. कनिष्क नारायण वर्तमान में वेल्स यूनाइटेड किंगडम (यूके) में रह रहे संतोष कुमार और चेतना सिन्हा के पुत्र हैं. वह वेल्स यूके से लेबर पार्टी के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए. कनिष्क जब 12 साल के थे, तभी उनके माता-पिता उन्हें इंग्लैंड के वेल्स ले गए थे. 2007 में कनिष्क अपने पूरे परिवार के साथ यूके शिफ्ट हो गए थे. इसके बाद से वह ब्रिटेन में ही रह रहे हैं.
बिहार से इंग्लैंड वाया दिल्ली
कनिष्क नारायण का जन्म बिहार की लीची नगरी यानि मुजफ्फरपुर के दामुचक मोहत्ले में हुआ था. इनके ताऊ (बड़े पापा) जयंत कुमार एसकेजे लॉ कॉलेज के निदेशक हैं. वहीं इनकी चचेरी बहन रॉकस्टार फिल्म में काम कर चुकी अभिनेत्री श्रेया नारायण हैं. कनिष्क की शुरुआती पढ़ाई मुजफ्फरपुर में ही हुई थी. लेकिन जब कनिष्क की उम्र सिर्फ 4 साल थी, तब उनके माता-पिता उन्हें लेकर दिल्ली आ गए थे. इसके बाद कनिष्क 12 साल की उम्र तक दिल्ली में ही रहे. इसके बाद कनिष्क के माता-पिता चेतना सिन्हा और संतोष कुमार उन्हें इंग्लैंड लेकर चले गए थे. भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद से भी कनिष्क के रिश्ते हैं. डॉ राजेंद्र प्रसाद कनिष्क नारायण की दादी के दादाजी थे. हालांकि, बताते हैं कि कनिष्क की कभी राजेंद्र प्रसाद से मुलाकात नहीं हुई.
मुजफ्फरपुर के प्रभात तारा स्कूल से ऑक्सफोर्ड तक
कनिष्क में बचपन में शायद ही सोचा होगा कि उनकी सफर मुजफ्फरपुर के प्रभात तारा स्कूल से ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड जैसे विश्वविद्यालयों तक पहुंचेगा. उन्होंने ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड जैसे विश्वविद्यालयों से दर्शनशास्त्र, राजनीतिक अर्थव्यवस्था और व्यवसाय प्रशासन में मास्टर डिग्री हासिल की है. कनिष्क ने सार्वजनिक सेवा को छोड़कर राजनीति में आने का फैसला किया था. इससे पहले वह यूरोप और अमेरिका के कई बड़े संस्थानों में काम कर चुके हैं.
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