सुलभ इंटरनेशनल ने बिना सरकारी अनुमति के ही गांव का नाम ट्रंप के नाम पर रख दिया
गुरुग्राम:
हरियाणा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर एक गांव के नामकरण को एक फर्जी और अवैध आयोजन घोषित कर दिया है. इसके साथ ही गुरुग्राम से 46 किलोमीटर दूर स्थित मरोरा गांव में ट्रंप की तस्वीर वाले बैनर उतार लिए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले बीते शुक्रवार को इस गांव का नामकरण ट्रंप के नाम पर किया गया था.
एक गैर सरकारी संगठन सुलभ ने एक कार्यक्रम का आयोजन कर मरोरा गांव का नाम 'ट्रंप सुलभ गांव' रख दिया था. अधिकारियों ने गांव में लगी ट्रंप की तस्वीरों वाले बोर्ड और बैनर हटा दिए.
सुलभ के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने 23 जून को हरियाणा के मेवात इलाके में स्थित इस गांव का नामकरण करने के अलावा गांव के विकास के लिए कई परियोजनाएं भी शुरू की थीं.
मेवात के उपायुक्त एमआर शर्मा ने को बताया, "यह पूरा आयोजन बनावटी और फर्जी था और इसके आयोजकों का उद्देश्य देश-विदेश से रुपये इकट्ठा करना था."
शर्मा ने बताया, "आयोजकों ने स्थानीय अधिकारियों या हरियाणा या केंद्र सरकार से कोई इजाजत नहीं ली थी और न ही उन्होंने गांव का नाम बदलने के लिए आवेदन ही किया था. यह पूरा आयोजन अवैध था. राज्य सरकार ने पहले ही मरोरा गांव को खुले में शौच-मुक्त गांव घोषित कर रखा है. हमने गांव का नाम बदलने से संबंधित सारे बोर्ड और बैनर हटाने का आदेश दे दिया है और उचित कार्रवाई कर रहे हैं."
सुलभ इंटरनेशनल की उपाध्यक्ष मोनिका जैन ने कहा कि उन्होंने सारे साइन बोर्ड हटा लिए हैं. मोनिका जैन ने कहा, "उपायुक्त शर्मा के साथ हुई बैठक के बाद हमें जिला प्रशासन का आदेश मिला. हमने ट्रंप गांव से संबंधित सारे साइन बोर्ड और बैनर हटा लिए हैं. हालांकि हम गांव में शौचालय का निर्माण जारी रखेंगे."
वहीं सुलभ के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने कहा, "हमने लोगों से इसके लिए कोई धनराशि इकट्ठी नहीं की है. गांव में शौचालय के निर्माण में कुछ बड़ी कंपनियां हमारी मदद कर रही हैं. जब हमने मरोरा को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए यहां शौचालय बनवाने का फैसला किया, तब तक मरोरा को खुले में शौच मुक्त गांव घोषित नहीं किया गया था."
कुछ दिन पहले वाशिंगटन में बिंदेश्वर पाठक ने घोषणा की थी कि वह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के प्रयास के तहत भारत में एक गांव का नाम ट्रंप पर रखेंगे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एक गैर सरकारी संगठन सुलभ ने एक कार्यक्रम का आयोजन कर मरोरा गांव का नाम 'ट्रंप सुलभ गांव' रख दिया था. अधिकारियों ने गांव में लगी ट्रंप की तस्वीरों वाले बोर्ड और बैनर हटा दिए.
सुलभ के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने 23 जून को हरियाणा के मेवात इलाके में स्थित इस गांव का नामकरण करने के अलावा गांव के विकास के लिए कई परियोजनाएं भी शुरू की थीं.
मेवात के उपायुक्त एमआर शर्मा ने को बताया, "यह पूरा आयोजन बनावटी और फर्जी था और इसके आयोजकों का उद्देश्य देश-विदेश से रुपये इकट्ठा करना था."
शर्मा ने बताया, "आयोजकों ने स्थानीय अधिकारियों या हरियाणा या केंद्र सरकार से कोई इजाजत नहीं ली थी और न ही उन्होंने गांव का नाम बदलने के लिए आवेदन ही किया था. यह पूरा आयोजन अवैध था. राज्य सरकार ने पहले ही मरोरा गांव को खुले में शौच-मुक्त गांव घोषित कर रखा है. हमने गांव का नाम बदलने से संबंधित सारे बोर्ड और बैनर हटाने का आदेश दे दिया है और उचित कार्रवाई कर रहे हैं."
सुलभ इंटरनेशनल की उपाध्यक्ष मोनिका जैन ने कहा कि उन्होंने सारे साइन बोर्ड हटा लिए हैं. मोनिका जैन ने कहा, "उपायुक्त शर्मा के साथ हुई बैठक के बाद हमें जिला प्रशासन का आदेश मिला. हमने ट्रंप गांव से संबंधित सारे साइन बोर्ड और बैनर हटा लिए हैं. हालांकि हम गांव में शौचालय का निर्माण जारी रखेंगे."
वहीं सुलभ के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने कहा, "हमने लोगों से इसके लिए कोई धनराशि इकट्ठी नहीं की है. गांव में शौचालय के निर्माण में कुछ बड़ी कंपनियां हमारी मदद कर रही हैं. जब हमने मरोरा को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए यहां शौचालय बनवाने का फैसला किया, तब तक मरोरा को खुले में शौच मुक्त गांव घोषित नहीं किया गया था."
कुछ दिन पहले वाशिंगटन में बिंदेश्वर पाठक ने घोषणा की थी कि वह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के प्रयास के तहत भारत में एक गांव का नाम ट्रंप पर रखेंगे.
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