ममता बनर्जी के कट मनी के रूप में लिए गए पैसे को वापस करने के निर्देश के बाद लोगों ने टीएमसी नेताओं को घेरना शुरू कर दिया है. पश्चिम बंगाल के बीरभूम में मंगलवार को टीएमसी के बूथ अध्यक्ष नेता त्रिलोचन मुखोपाध्याय ने ग्रामीणों से लिए गए रुपए लौटाए हैं. त्रिलोचन ने 141 लोगों को 2.25 लाख रुपए लौटाए हैं. ये पैसे उन्होंने कटमनी के रूप में लोगों को मनरेगा में नौकरी दिलाने के नाम पर लिए थे. मुखोपाध्याय ने कहा, "मैंने लोगों से माफी मांग ली है और पैसे लौटा दिए हैं. मैंने वादा करता हूं कि मैं ऐसा दोबारा नहीं करूंगा." उनका ग्राणीणों को पैसे देते हुए एक वीडियो भी सामने आया है.
18 जून को जब से ममता बनर्जी ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कट मनी लौटाने के लिए कहा है उसके बाद से इसकी मांग बहुत बढ़ गई है. पिछले दो सालों में ली गई कट मनी को लेकर स्थानीय लोग इन दिनों प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि पार्टी का कहना है कि बहुत ही कम संख्या में पार्टी से जुड़े लोगों ने कट मनी ली है.
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टीएमसी ब्लॉक अध्यक्ष नुरुल इस्लाम ने कहा कि यह उन लाभार्थियों को भुगतान करने के लिए एक अच्छी पहल है, जिन्होंने केवल तीन-चार दिन काम किया था. उन्होंने कहा, "मीडिया का एक वर्ग इसे गलत तरीके से पेश करने की कोशिश कर रहा है."
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि यह सिर्फ एक शुरुआत है. उन्होंने कहा, ''आने वाले दिनों में टीएमसी के वरिष्ठ मंत्री और नेता भी लोगों से लिए गए कट मनी के पैसे वापस करेंगे.
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बता दें राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान और माकपा से विधायक और वरिष्ठ नेता सुजन चक्रवर्ती ने मांग की थी कि राज्य सरकार तुरंत इस मुद्दे पर गौर करने के लिए एक जांच आयोग बनाए. सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री को श्वेत पत्र लाना चाहिए कि मामला क्या है, पैसा किसने लिया है? इसे वापस कैसे दिया जाएगा? इसे वापस कब दिया जाएगा? अगर मुख्यमंत्री ऐसा नहीं करतीं तो वो राज्य को अराजकता की तरफ़ धकेल देंगी.
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टीएमसी पार्षदों के साथ एक बैठक में, सुश्री बनर्जी ने कहा था, "मैं अपनी पार्टी में चोरों को नहीं रखना चाहती. यदि मैं कार्रवाई करती हूं तो वे किसी अन्य पार्टी में शामिल होंगे. कुछ नेता गरीबों को आवास अनुदान देने के लिए 25 प्रतिशत कमीशन लेने का दावा कर रहे हैं. यह तुरंत बंद होना चाहिए. यदि आप में से किसी ने भी इसे लिया है तो पैसे वापस करें. "
वहीं कट मनी वापस करने को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शन और किसी तरह की अराजकता से बचने के लिए सभी ज़िला पुलिस प्रमुखों को आदेश दिए गए हैं कि गांववालों से कहें कि कट मनी की शिकायतें लिखवाएं और क़ानून को अपने हाथ में न लें.
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