इंसानियत को शर्मसार और मानवीय तकाजों को तार-तार कर देने वाली इस वारदात का खुलासा कल रात को हुआ। डॉक्टरों ने बच्ची को बचाने की तमाम कोशिशें कीं लेकिन वे सफल नहीं हो सके।
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सर्वेश सक्सेना के मुताबिक इमरजेंसी वार्ड के मरीजों ने कल रात शौचालय में किसी नवजात बच्चे की चीख सुनकर इसकी सूचना चिकित्सकों को दी थी। जब शौचालय का दरवाजा खोला गया तो वहां कपड़े में लिपटी लहूलुहान बच्ची मिली। उसका न सिर्फ गला काटा गया था बल्कि उसका जबड़ा तथा दोनों पैर भी टूटे थे।
उन्होंने बताया कि बच्ची को बचाने के लिए डॉक्टरों ने करीब छह घंटे तक मेहनत की लेकिन सफलता नहीं मिली।
सक्सेना ने बताया कि इस बात की जांच की जा रही है कि बच्ची को शौचालय में कौन लाया। साथ ही पुलिस भी इसकी जांच कर रही है कि एक नवजात बच्ची के साथ ऐसी वहशियाना हरकत किसने की।
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