बेंगलुरु की एक निचली अदालत ने विस्फोटक के साथ गिरफ्तार तीन संदिग्ध आतंकियों को 21 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इन तीनों के खिलाफ एक्सप्लोसिव सब्सटेंस एक्ट और आईपीसी 120 (बी) और 121 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इनमें से दो को बेंगलुरु और एक को दक्षिण कर्नाटक के भटकल से गरुवार को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से एक एमबीए का छात्र है।
बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर एम एन रेड्डी ने बताया की जितनी मात्रा में अमोनिया नाइट्रेट और जिलेटिन छड़ इनके पास से बरामद हुए हैं, वे भारी तबाही मचाने के लिए काफी थे।
इन संदिग्धों के पास विस्फोटकों के इलावा जो दूसरे सामान मिलें है, उनका इस्तेमाल दक्षिण भारत के अलावा पश्चिम के कुछ जगहों पर हुए बम धमाकों में इस्तेमाल की गई सामग्रियों और 2013 में बेंगलुरु में बीजेपी दफ्तर के सामने हुए बम धमाके में इस्तेमाल की गई सामग्रियों से मिलता जुलता है।
ऐसे में पुलिस को शक है कि ये तीनों संदिग्ध एक नेटवर्क के तहत बम धमाकों के लिए आतंकियों को सामान की आपूर्ति करते थे और उनके रहने एवं भागने में भी मदद कर रहे थे।
पूछताछ में अब तक जो जानकारी सामने आई है, उससे पुलिस को लगता है कि खाड़ी देश में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर ये लोग काम करते थे और इनका संबंध आतंकी संगठन आईएम के अलावा सिमी से भी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा इस साल गणतंत्र दिवस पर भारत आ रहे हैं। ऐसे में खुफिया एजेंसियों ने देशभर में अलर्ट जारी किया है और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर सभी राज्यों में पुलिस खास अभियान चला रही है, जिसके चलते ये गिरफ्तारियां हुई हैं।
हालांकि हाल ही में बेंगलुरु के चर्च स्ट्रीट में हुए हमले में अबतक इन तीनों के हाथ होने का कोई सबूत नहीं मिला हैं।
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