जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक पर विधानसभा भंग करने को कई लेकर सवाल उठे. उनके फ़ैसले से सियासी सरगर्मियों ने ज़ोर पकड़ लिया. अब ग्वालियर की ITM यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में सत्यपाल मलिक ने खुद तफ़सील से बताया कि आखिर उन्होंने विधानसभा भंग करने का फ़ैसला क्यों लिया. सत्यपाल मलिक ने कहा कि चीन में एक कहावत है कि किसी को चांद दिखाओ तो नासमझ आदमी ऊंगली की तरफ देखता है, चांद की तरफ नहीं. कश्मीर में जो हुआ, उसकी सबसे ज्यादा जानकारी मेरे पास है, इसलिये मैं आपको बताना चाहता हूं. सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसी गवर्नर की ये ड्यूटी नहीं है कि वो ईद के दिन, जब उसका रसोईयां भी छुट्टी पर हो, उस दिन वह फैक्स मशीन खोलकर 7 या 8 बजे शाम को महबूबा मुफ्ती की चिट्ठी का इंतजार करे. सत्यपाल मलिक ने कहा कि अगर वे सरकार बनाने को लेकर संजीदा थे तो श्रीनगर और जम्मू के बीच कई उड़ाने हैं. किसी को भी भेज सकते थे. मुझे कभी भी फोन करके देखिये, 24 घंटे खुला रहता है. रात को 2 बजे भी फोन उठाता हूं. किसी का वाट्सऐप पर भी मैसेज आता है तो मैं उसकी बात सुनकर हल करने का प्रयास करता हूं. यह सारा कश्मीर जानता है.
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सत्यपाल मलिक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी समस्या है भ्रष्टाचार. कश्मीर को जितना पैसा मिला, अगर वह लग गया होता तो राज्य सोने का बन गया होता. यहां राजनीति करने वालों के पास इतना धन है, जिसका कोई अंदाजा नहीं है. उन्होंने कहा कि जब किसी को सरकार बनानी होती है तब वह फैक्स का इंतजार नहीं करता है. उसके बाद बहुत साधन होते हैं. जम्मू में दोनों की पार्टी के बहुत लोग हैं. कांग्रेस के तो बहुत ज्यादा हैं. उनमें से किसी को भेज सकते थे. गवर्नर हाउस का दरवाजा तो 12 बजे भी खुला रहता है. एक फैक्स अगर खराब था और उस दिन छुट्टी की वजह से कोई कर्मचारी आया नहीं था, उसे आपने मुद्दा बनाया. सत्यपाल मलिक ने कहा कि न तो मुझे फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला की देशभक्ति पर कोई संदेह है और न ही महबूबा मुफ्ती की, लेकिन यह तथ्य है कि हुर्रियत बगैर पाकिस्तान की अनुमति के बाथरूम भी नहीं जाता.
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इससे पहले NDTV इंडिया के सीनियर एग्ज़ीक्यूटिव एडिटर रवीश कुमार ने अपने वक्तव्य में जम्मू-कश्मीर के राजभवन की फ़ैक्स मशीन खराब होने की बात उठाई. रवीश कुमार ने कहा कि लोकतंत्र की कहानियां कई लोगों से बनती हैं और वे सबके लिए होती हैं. मेरे पास अपनी कोई कहानी नहीं है, लेकिन ऐसी कई कहानियां हैं जो आपको बता सकता हूं. उन्होंने कहा कि आपसब आने वाले दिनों में सार्वजनिक जीवन के दायरे में जाएंगे और जो भी करेंगे वह सार्वजनिक जीवन का दायरा होगा. ऐसे में आपकी उस जवाबदेही में यह चिंता भी होनी चाहिए कि पड़ोस की चंबल नदी की हालत कैसी है और यह चिंता भी होनी चाहिए कि जम्मू-कश्मीर के राजभवन में फैक्स मशीन की हालत कैसी है. रवीश कुमार ने छात्रों से कहा कि आप टेक्नोलॉजी के छात्र हैं तो गटर की सफाई के लिए तकनीक भी विकसित करिये और एक ऐसी फैक्स मशीन भी बनाइये जो शाम 7 बजे के बाद खराब न हो.
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