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This Article is From Sep 30, 2015

गर्माते जा रहे कॉल ड्राप के मुद्दे पर टेलिकाम मंत्री को देनी पड़ी सफाई

गर्माते जा रहे कॉल ड्राप के मुद्दे पर टेलिकाम मंत्री को देनी पड़ी सफाई
रविशंकर प्रसाद (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: कॉल ड्राप की समस्या अब एक राजनीतिक मुद्दा बनती जा रही है। मंगलवार को कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने कॉल ड्राप की समस्या को दूर करने में नाकामी का हवाला देते हुए टेलिकॉम मंत्री की बर्खास्तगी करने की मांग की। कांग्रेस के आरोप पर जवाब देने के लिए टेलिकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद आंकड़ों के साथ बुधवार को मीडिया के सामने आए। टेलिकॉम मंत्री ने दावा किया कि कॉल ड्राप की समस्या उन्हें यूपीए से ही विरासत में मिली है।

विरासत में मिली समस्या
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'कांग्रेस ने हमारे इस्तीफे की मांग की है। मैं कांग्रेस से यह सवाल पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक कांग्रेस के कार्यकाल में संचार विभाग भ्रष्टाचार और लूट का पर्याय बन गया था। कॉल ड्राप की समस्या भी हमें यूपीए से विरासत में ही मिली है।'

तीन माह में समस्या घटने का दावा
रविशंकर प्रसाद ने टेलिकाम ऑपरेटरों के आंकड़े पेश किए और दावा किया कि पिछले तीन महीने में कॉल ड्राप की समस्या में कमी आई है। रविशंकर ने कहा कि पिछले तीन महीनों में भारती एयरटेल के नेटवर्क में कॉल ड्राप की समस्या में गिरावट दर्ज़ हुई है। तीन महीने पहले भारती एयरटेल की 3.01% से 17.77% काल ड्राप होती थीं लेकिन यह अब घटकर 0.1% से 2.96% रह गई हैं।

नीतीश कुमार के आरोप बेमतलब
रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर नीतीश कुमार के आरोपों का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि नीतीश आज उसी पार्टी के साथ खड़े हैं जो टेलिकॉम सेक्टर की बदहाली के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि आज नीतीश को बिहार के लोगों को यह बताना चाहिए कि क्यों वे विकास के मोर्चे पर नाकाम रहे और बिहार में अपराध क्यों बढ़ता जा रहा है।

बिहार चुनाव में विरोधियों को मौका
हालांकि रविशंकर प्रसाद के सामने मुश्किल यह है कि कोशिशों के बावजूद कॉल ड्राप अब भी एक समस्या बनी हुई है और इस समस्या से निपटने में देरी बिहार चुनावों से पहले विरोधियों को उन पर निशाना साधने का मौका दे रही है। अब देखना होगा कि रविशंकर प्रसाद कितनी जल्दी इस समस्या से निपटने में कामयाब हो पाते हैं।

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