तमिलनाडु के श्रीपेरूंबुदूर में 21 मई 1991 को राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की हत्या कर दी गई थी.
नई दिल्ली:
तमिलनाडु सरकार राजीव गांधी हत्याकांड (Rajiv gandhi Assassination) में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 7 दोषियों को रिहा करने की प्रदेश के राज्यपाल से सिफारिश करेगी. तमिलनाडु के मंत्री डी जयकुमार ने यह जानकारी दी. डी जयकुमार ने पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया. सातों दोषियों मुरूगन, संतन, पेरारीवलन, जयकुमार, रविचन्द्रन, रॉबर्ट पायस और नलिनी को रिहा करने के लिए राज्यपाल पुरोहित को सिफारिश करने का निर्णय लिया गया है. मंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल के इस प्रस्ताव को राज्यपाल के पास 'तत्काल' भेजा जाएगा. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के सभी दोषी पिछले 27 साल के जेल में बंद हैं. 2014 तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने सभी दोषियों को रिहा करने का फैसला किया था, लेकिन केंद्र सरकार ने उस प्रस्ताव पर विरोध जताया था.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में तमिलनाडु के राज्यपाल से कहा था कि वह वर्ष 1991 में हुए राजीव गांधी हत्याकांड मामले में दोषी ठहराये गए ए जी पेरारीवलन की दया याचिका पर विचार करें. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति के एम जोसफ की एक पीठ ने अभियुक्तों की रिहाई के संबंध में एक प्रस्ताव से जुड़ी केंद्र की याचिका को निस्तारित किया. यह याचिका तमिलनाडु सरकार द्वारा दायर की गई थी.
यह भी पढ़ें : राजीव गांधी हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पेरारीवलन की दया याचिका को कोर्ट रिकॉर्ड में रखा
केंद्र सरकार ने किया था विरोध
वहीं, केंद्र सरकार ने 10 अगस्त को उच्चतम न्यायालय को बताया था कि वह राजीव गांधी हत्याकांड मामले में 7 दोषियों को बरी करने के प्रस्ताव से सहमत नहीं है. केंद्र ने कहा कि उनकी सजा में कटौती से 'खतरनाक नजीर' बनेगी और उसका 'अंतरराष्ट्रीय असर' होगा. पेरारीवलन ऊर्फ अरीवू (47) ने 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि तमिलनाडु के राज्यपाल के समक्ष उसके द्वारा दायर दया याचिका पर दो साल से ज्यादा वक्त हो जाने के बाद भी कोई फैसला नहीं हुआ है. उस पर नौ वोल्ट की बैटरी की आपूर्ति का आरोप था जिसका इस्तेमाल कथित तौर पर उस बेल्ट बम को बनाने के लिए किया गया था, जिससे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और 14 अन्य की हत्या हुई.
CBI ने SC में कहा, फिर से नहीं खोला जा सकता राजीव गांधी हत्याकांड केस
21 मई 1991 को हुई थी राजीव गांधी की हत्या
तमिलनाडु के श्रीपेरूंबुदूर में 21 मई 1991 को एक चुनावी रैली में आत्मघाती महिला हमलावर ने धमाका कर राजीव गांधी की हत्या कर दी थी. इस हमलावर की पहचान धनु के रूप में की गई थी. इस धमाके में धनु समेत 14 लोग मारे गए थे. यह आत्मघाती बम धमाके का संभवत: पहला मामला था जिसमें एक हाईप्रोफाइल वैश्विक नेता की जान गई. इस मामले में सात अन्य लोगों के साथ दोषी करार दिए गए पेरारीवलन ने संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत दया याचिका दायर कर राज्यपाल से रियायत या माफी की मांग की थी.
Tamil Nadu cabinet recommends release of 7 convicts of Rajiv Gandhi assassination case. The recommendation will be sent to the TN governor immediately: D Jayakumar, Tamil Nadu minister after TN cabinet meeting in Chennai pic.twitter.com/uxDhO2cUAQ
— ANI (@ANI) September 9, 2018
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में तमिलनाडु के राज्यपाल से कहा था कि वह वर्ष 1991 में हुए राजीव गांधी हत्याकांड मामले में दोषी ठहराये गए ए जी पेरारीवलन की दया याचिका पर विचार करें. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति के एम जोसफ की एक पीठ ने अभियुक्तों की रिहाई के संबंध में एक प्रस्ताव से जुड़ी केंद्र की याचिका को निस्तारित किया. यह याचिका तमिलनाडु सरकार द्वारा दायर की गई थी.
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केंद्र सरकार ने किया था विरोध
वहीं, केंद्र सरकार ने 10 अगस्त को उच्चतम न्यायालय को बताया था कि वह राजीव गांधी हत्याकांड मामले में 7 दोषियों को बरी करने के प्रस्ताव से सहमत नहीं है. केंद्र ने कहा कि उनकी सजा में कटौती से 'खतरनाक नजीर' बनेगी और उसका 'अंतरराष्ट्रीय असर' होगा. पेरारीवलन ऊर्फ अरीवू (47) ने 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि तमिलनाडु के राज्यपाल के समक्ष उसके द्वारा दायर दया याचिका पर दो साल से ज्यादा वक्त हो जाने के बाद भी कोई फैसला नहीं हुआ है. उस पर नौ वोल्ट की बैटरी की आपूर्ति का आरोप था जिसका इस्तेमाल कथित तौर पर उस बेल्ट बम को बनाने के लिए किया गया था, जिससे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और 14 अन्य की हत्या हुई.
CBI ने SC में कहा, फिर से नहीं खोला जा सकता राजीव गांधी हत्याकांड केस
21 मई 1991 को हुई थी राजीव गांधी की हत्या
तमिलनाडु के श्रीपेरूंबुदूर में 21 मई 1991 को एक चुनावी रैली में आत्मघाती महिला हमलावर ने धमाका कर राजीव गांधी की हत्या कर दी थी. इस हमलावर की पहचान धनु के रूप में की गई थी. इस धमाके में धनु समेत 14 लोग मारे गए थे. यह आत्मघाती बम धमाके का संभवत: पहला मामला था जिसमें एक हाईप्रोफाइल वैश्विक नेता की जान गई. इस मामले में सात अन्य लोगों के साथ दोषी करार दिए गए पेरारीवलन ने संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत दया याचिका दायर कर राज्यपाल से रियायत या माफी की मांग की थी.
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