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This Article is From Dec 02, 2018

भारत की पहली इंजन रहित ट्रेन ने तोड़े स्‍पीड के रिकॉर्ड, बनी देश की सबसे तेज ट्रेन

ट्रायल के दौरान यह ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की स्पीड से दौड़ी और इस तरह यह देश की सबसे तेज दौड़ने वाली ट्रेन बन गई है.

भारत की पहली इंजन रहित ट्रेन ने तोड़े स्‍पीड के रिकॉर्ड, बनी देश की सबसे तेज ट्रेन
T18 ट्रेन अधिकतम 220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है
नई दिल्‍ली: भारत की पहली इंजन रहित ट्रेन T-18 का ट्रायल इन दिनों चल रहा है. माना जा रहा है कि देश में बनी यह ट्रेन भारत में रेल क्रांति की शुरुआत करने वाली साबित होगी. अब इस ट्रेन ने स्‍पीड के मामले में नया रिकॉर्ड बना डाला है. ट्रायल के दौरान यह ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की स्पीड से दौड़ी और इस तरह यह देश की सबसे तेज दौड़ने वाली ट्रेन बन गई है. इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 220 किमी प्रति घंटे तक की हो सकती है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
 
यह ट्रेन मौजूदा शताब्दी एक्प्रेस की जगह लेगी और मुसाफिरों को ट्रेन यात्रा का एक नया अनुभव देगी. भारतीय रेलवे की 30 साल पुरानी शताब्दी एक्सप्रेस का स्थान लेने वाली ‘ट्रेन 18' 29 अक्टूबर को पहली बार परीक्षण के लिए पटरियों पर उतरी थी.

बिना ईंजन वाली यह ट्रेन पूरी तरह से भारत में बनी है. बाक़ी ट्रेनों की तरह इसके न तो डब्बे बदले जाते हैं और न ही इसमें ईंजन लगा होता है. एक ट्रेन के सारे कंपोनेंट्स मिलकर यह एक सेट की तरह चलता है. इसलिए इसे ट्रेन सेट के नाम से जाना जाता है.
चेन्नई के इंटिग्रल कोच फैक्ट्री ने इसे तैयार किया है और साल 2018 में बनने के कारण इसे टी-18 नाम दिया गया है. इस ट्रेन की पूरी बॉडी ख़ास एल्यूमिनियम की बनी है यानी यह ट्रेन वज़न में हल्की भी होगी. इसे तुरंत ही ब्रेक लगाकर रोकना आसान है और इसके तुरंत ही तेज़ गति भी दी जा सकती है.

खासियतें-
- कुल 16 कोच वाली यह ट्रेन सामान्य शताब्दी ट्रेन के मुकाबले कम वक्त लेगी.
- इस ट्रेन को चेन्‍नई स्थित इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) द्वारा 18 महीने में विकसित किया गया है.
- इस ट्रेन के मध्य में दो एक्जिक्यूटिव कंपार्टमेंट होंगे. प्रत्येक में 52 सीटें होंगी. वहीं सामान्य कोच में 78 सीटें होंगी.
- शताब्दी की गति 130 किलोमीटर प्रति घंटे है जबकि यह 220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक चल सकेगी.
- अगर ‘ट्रेन-18' की गति के मुताबिक पटरी बना ली जाये तो यह शताब्दी एक्सप्रेस के मुकाबले काफी कम समय लेगी.
- ‘ट्रेन-18' में जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली के अलावा अलहदा तरह की लाइट, ऑटोमेटिक दरवाजे और सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे.

VIDEO: बिना इंजन वाली ट्रेन का ट्रायल

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