विदेशमंत्री सुषमा स्वराज (फाइल फोटो)
नई दिल्ली/इस्लामाबाद:
बैंकॉक में भारत-पाकिस्तान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की गुपचुप मुलाकात के बाद आज विदेशमंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान के इस्लामाबाद पहुंच रही हैं। यहां वह पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ और उनके विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज से मुलाकात करेंगी।
भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत बहाल करने पर चर्चा
बैठक में आतंकवाद और भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत बहाल करने पर चर्चा होगी। सुषमा के दौरे से पहले सरताज अजीज ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दोनों देशों के संबंधों में गतिरोध कुछ हद तक कम हुआ है। सुषमा यहां अफगानिस्तान के मुद्दे पर होने वाले हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेने आ रही हैं। उनके साथ विदेश सचिव एस जयशंकर भी होंगे, जो दोनों देशों के एनएसए की मुलाकात के वक्त भी मौजूद थे।
पेरिस में ही बन गई थी इस मुलाकात की भूमिका
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पेरिस में जब भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने अनौपचारिक तौर पर मुलाकात की और रिश्ते को बेहतर करने की बात की तो तो नवाज़ शऱीफ की तरफ से सुषमा स्वराज को हार्ट आफ एशिया कांफ्रेंस में भेजने का ज़िक्र किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इससे पहले दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाक़ात भी हो। यह भी तय हुआ कि उसमें दोनों देशों के विदेश सचिव भी शामिल हों।
ये भी पढ़ें- भारत-पाक के एनएसए की 'गुपचुप' मुलाकात
पटरी पर लौटेगी बातचीत
इससे पहले 2012 में पूर्व विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने इस्लामाबाद की यात्रा की थी जब दोनों देशों ने एक वीजा उदारीकरण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। पाकिस्तान में उम्मीद लगाई जा रही है कि सुषमा स्वराज के इस दौरे के बाद न सिर्फ रुकी हुई बातचीत पटरी पर लौट आएगी बल्कि दोनों के देशों के बीच क्रिकेट संबंधों पर भी बात आगे बढ़ेगी। प्रेस से बात करते हुए सरताज अजीज ने भारत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यहां सुषमा स्वराज का इंतजार है।
भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत बहाल करने पर चर्चा
बैठक में आतंकवाद और भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत बहाल करने पर चर्चा होगी। सुषमा के दौरे से पहले सरताज अजीज ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दोनों देशों के संबंधों में गतिरोध कुछ हद तक कम हुआ है। सुषमा यहां अफगानिस्तान के मुद्दे पर होने वाले हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेने आ रही हैं। उनके साथ विदेश सचिव एस जयशंकर भी होंगे, जो दोनों देशों के एनएसए की मुलाकात के वक्त भी मौजूद थे।
पेरिस में ही बन गई थी इस मुलाकात की भूमिका
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पेरिस में जब भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने अनौपचारिक तौर पर मुलाकात की और रिश्ते को बेहतर करने की बात की तो तो नवाज़ शऱीफ की तरफ से सुषमा स्वराज को हार्ट आफ एशिया कांफ्रेंस में भेजने का ज़िक्र किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इससे पहले दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाक़ात भी हो। यह भी तय हुआ कि उसमें दोनों देशों के विदेश सचिव भी शामिल हों।
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पटरी पर लौटेगी बातचीत
इससे पहले 2012 में पूर्व विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने इस्लामाबाद की यात्रा की थी जब दोनों देशों ने एक वीजा उदारीकरण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। पाकिस्तान में उम्मीद लगाई जा रही है कि सुषमा स्वराज के इस दौरे के बाद न सिर्फ रुकी हुई बातचीत पटरी पर लौट आएगी बल्कि दोनों के देशों के बीच क्रिकेट संबंधों पर भी बात आगे बढ़ेगी। प्रेस से बात करते हुए सरताज अजीज ने भारत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यहां सुषमा स्वराज का इंतजार है।
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