नई दिल्ली:
आरएसएस के वरिष्ठ नेता एमजी वैद्य ने सुषमा स्वराज का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए सुझाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मैं नहीं सोचता कि 2013 से पहले बीजेपी प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेगी। दरअसल, ब्रिटिश काल में विपक्ष के नेता को अपने आप ही प्रधानमंत्री पद का दावेदार मान लिया जाता था, लेकिन भारत में ऐसी पद्धति नहीं है। इसीलिए इस मामले पर शिवसेना सुप्रीमो का बयान अर्थहीन है।
इससे पहले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी किनारे लगाते हुए शिवसेना ने एक नया दांव चला था, जिसमें सुषमा स्वराज को प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे योग्य बताया था। उनके इस बयान ने भाजपा में ही एक तरह से खलबली मचा दी थी। दरअसल, शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुषमा स्वराज की प्रशंसा की थी और कहा था कि देश के अगले प्रधानमंत्री के रूप में वह सबसे उपयुक्त होंगी।
इससे पहले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी किनारे लगाते हुए शिवसेना ने एक नया दांव चला था, जिसमें सुषमा स्वराज को प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे योग्य बताया था। उनके इस बयान ने भाजपा में ही एक तरह से खलबली मचा दी थी। दरअसल, शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुषमा स्वराज की प्रशंसा की थी और कहा था कि देश के अगले प्रधानमंत्री के रूप में वह सबसे उपयुक्त होंगी।
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