उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी कि संवैधानिक पदों पर आसीन उच्च पदस्थ हस्तियों को ही ड्यूटी के दौरान वाहन पर लाल बत्ती के इस्तेमाल की अनुमति होगी। न्यायालय ने इसे ‘राज मानसिकता’ करार देते हुए नेताओं और नौकरशाहों द्वारा अपनी हैसियत दिखाने के लिए लाल बत्ती की गाड़ियों के दुरुपयोग पर रोक लगा दी है।
शीर्ष अदालत ने निजी व्यक्तियों के वाहनों में सायरन के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया है और प्रशासन को निर्देश दिया है कि ऐसा करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति सी नागप्पन ने कहा कि वर्दीधारी व्यक्ति, एंबुलेंस और अग्निशमन सेवाओं, आपात सेवाओं और एस्कार्ट्स या पायलट या कानून व्यवस्था की ड्यूटी में लगे पुलिस के वाहन लाल बत्ती की बजाय नीली, सफेद और बहुरंगी बत्ती लगाएंगे।
न्यायालय ने कहा कि वाहनों पर लाल बत्तियों के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने में प्रशासन बुरी तरह विफल रहा है।
न्यायाधीशों ने कहा, ‘देश के अलग-अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में लोग अपराध के लिए प्रयुक्त वाहनों में लाल बत्ती का इस्तेमाल करते हैं और वे धौंस के साथ ऐसा करते हैं क्योंकि जुर्माना लगाने की बात तो दूर लाल बत्ती की गाड़ियों की तलाशी लेने में पुलिस अधिकारी भी डरते हैं।’
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