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अंतरिक्ष से धरती पर लौटे शुभांशु और इधर मां के झर-झर बहने लगे आंसू, आज का दिल छू लेने वाला लम्हा

भारतीय समयानुसार दोपहर के 3.01 बजे अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में सैन डिएगो में तट के पास प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन कर गया. 4 पैराशूट की मदद से यह कैप्सूल समंदर में गिरा, जिसे पानी से निकालकर एक विशेष रिकवरी जहाज पर रखा जाएगा, जहां से अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर निकाला जाएगा.

चारों अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर SpaceX का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट धरती पर लौट आया है. और इसी के साथ लौट आया है, शुभांशु शुक्‍ला. भारत का लाल और अपनी मां का भी लाल. शुभांशु के लौटने की खुशी में पूरे देश उत्‍साहित था और उधर लखनऊ में मां आशा शुक्‍ला की आंखें भी नम थी. उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे. खुशी, बेटे के सकुशल लौट आने की. खुशी, इस बात की भी कि उनके बेटे के साथ 140 करोड़ देशवासियों की दुआएं थीं.

शुभांशु शुक्‍ला  की मां ने कहा कि आते-जाते समय थोड़ा डर लगा था. लेकिन अब नहीं. मंदिर से होकर आए हैं. कब मिलेंगे ये पता नहीं है.

कैलिफॉर्निया नहीं जाने के सावल पर शुभांशु शुक्ला की मां ने क्या कहा?

आप कैलिफॉर्निया क्यों नहीं गए? इस सवाल पर शुभांशु शुक्ला के मां ने कहा कि हमें मेडिकल दिक्कत है. हम लंबी जर्नी नहीं कर पाते. मन तो बहुत करता है जाने का. शुभांशु से परसों से बात हुई थी. आज लास्ट कॉल है अंतरिक्ष से अब पहुंचने के बाद होगी.
मेरी जिंदगी का लक्ष्य सफल हो गया... शुभांशु शुक्ला के पिता
शुभांशु शुक्ला के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा कि नॉर्मल जिंदगी जी रहे थे. अब अलग फेमस जिंदगी जी रहे हैं. सब जगह मान सम्मान हो रहा. बच्चे के द्वारा दिया गया गौरव की बात है. बच्चा पिता के नाम पर जाना जाता है. गौरव की बात है कि हम बेटे के नाम से जाने जाते हैं. मेरी जिंदगी का लक्ष्य सफल हो गया. ये भी हमारे बच्चे की वजह से हुआ. गगनयान मिशन में भी शुभांशु जाएंगे. पीएम मोदी ने भी कहा था कि वो जाएंगे. उनके मोटिवेशन से संभव हुआ है. गगनयान का मिशन भी शुरू हुआ. उसे जल्दी पूरा करने की कोशिश करेंगे. एक्सपीरिएंस लेकर आ रहे हैं उसको पूरी सफलतापूर्वक पूरा करेंगे. 
वह हमेशा ही मुस्कुराता है.... शुभांशु शुक्ला के पिता शंभू दयाल शुक्ला
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा कि बच्चे को कोई समस्या न हो. पिता-बेटे का यही रिलेशन होता है. विज्ञान अपनी जगह पर पूरा काम करता है. आस्था से विश्वास पैदा होता है. बच्चे में 100 प्रतिशत विज्ञान होता होगा, लेकिन मेरे मन में आस्था रहती है. आस्था और विज्ञान के मिलन से उसका हर मिशन पूरा होगा. आने के बाद वह शुभांशु मुस्कुराने को लेकर पिता ने कहा कि वह हमेशा ही मुस्कुराता है चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति हो.
4 पैराशूट की मदद से यह कैप्सूल समंदर में गिरा
भारतीय समयानुसार दोपहर के 3.01 बजे अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में सैन डिएगो में तट के पास प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन कर गया. 4 पैराशूट की मदद से यह कैप्सूल समंदर में गिरा, जिसे पानी से निकालकर एक विशेष रिकवरी जहाज पर रखा जाएगा, जहां से अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर निकाला जाएगा. Axiom-4 के चारों क्रू मेंबर की जहाज पर ही कई चिकित्सीय जांच की जाएंगी. इसके बाद वे तट पर आने के बाद एक हेलिकॉप्टर में सवार होंगे.

पिता शंभू दयाल शुक्ला और मां आशा शुक्ला ने एनडीटीवी से बात की. उन्होंने कहा कि जबसे शुभांशु अंतरिक्ष में गए हैं, तबसे उनकी जिंदगी बदल सी गई है. मां ने कहा कि घर पर खड़े होने पर लोग पैर छूकर आशीर्वाद लेने लगते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें डर तो नहीं है लेकिन मन थोड़ा भावुक है. मां आशा शुक्ला कहती हैं कि उन्हें भी कैलिफोर्निया जाने का मन था लेकिन मेडिकल कारणों से वो यात्रा नहीं कर सकती थीं. अब फिलहाल बेटे से जल्दी से मिलने का मन है. वो घर वापस कब आयेंगे, ये तो सरकार तय करेगी लेकिन उम्मीद है जल्दी ही वो वापस आयेंगे.

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