भीगने से बचाने के लिए शिवराज सिंह चौहान को पुलिसवालों ने गोद में उठा लिया
भोपाल:
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (57) जब रविवार को राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर थे तो एक जगह पानी घुटने तक होने पर दो पुलिसवालों ने उनको भीगने से बचाने के लिए गोद में उठाकर वहां से पार कराया. पन्ना जिले के अमनगंज तहसील की यह घटना कैमरे में कैद हो गई.
फोटोग्राफ में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि वहां पानी घुटने तक था और दो पुलिसकर्मी उन्हें अपनी गोद में उठाकर वहां से निकाल रहे हैं. ऐसे ही एक दूसरी जगह पर उनको कीचड़ से सनी सड़क पर नंगे पांव चलते देखा गया और उनके सफेद जूते एक सहायक लेकर चल रहा था.
मुख्यमंत्री ने रीवा, सतना और पतना जिलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. भाजपा शासित इस राज्य में अब तक बाढ़ से 17 लोगों की मौत हो चुकी हैं. इसके अलावा 4500 लोगों को बचाया गया है. सोमवार को भी भारी बारिश की आशंका है.
ऐसे ही एक अन्य मामले में पिछले सप्ताह ओडिशा के एक मंत्री जोगेंद्र बेहरा उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ध्वजारोहण के बाद एक सुरक्षा अधिकारी उनके सैंडल के फीते बांधते कैमरा में दिखाई दिया.
जब उनकी चारों तरफ इसके लिए आलोचना होने लगी तो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम मामलों के मंत्री जोगेंद्र बेहरा बार-बार यह कहते हुए पाए गए कि ''मैं एक वीआईपी हूं.''
लेकिन एक दिन बाद ही वह अपने उस बयान से पलट गए और कहने लगे कि सैंडल के फीते बांधने वाला सुरक्षा अधिकारी उनके 'बेटे' की तरह है और चूंकि उनके बाएं पैर में दर्द था, इसलिए मदद कर रहा था.
फोटोग्राफ में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि वहां पानी घुटने तक था और दो पुलिसकर्मी उन्हें अपनी गोद में उठाकर वहां से निकाल रहे हैं. ऐसे ही एक दूसरी जगह पर उनको कीचड़ से सनी सड़क पर नंगे पांव चलते देखा गया और उनके सफेद जूते एक सहायक लेकर चल रहा था.
मुख्यमंत्री ने रीवा, सतना और पतना जिलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. भाजपा शासित इस राज्य में अब तक बाढ़ से 17 लोगों की मौत हो चुकी हैं. इसके अलावा 4500 लोगों को बचाया गया है. सोमवार को भी भारी बारिश की आशंका है.
ऐसे ही एक अन्य मामले में पिछले सप्ताह ओडिशा के एक मंत्री जोगेंद्र बेहरा उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ध्वजारोहण के बाद एक सुरक्षा अधिकारी उनके सैंडल के फीते बांधते कैमरा में दिखाई दिया.
जब उनकी चारों तरफ इसके लिए आलोचना होने लगी तो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम मामलों के मंत्री जोगेंद्र बेहरा बार-बार यह कहते हुए पाए गए कि ''मैं एक वीआईपी हूं.''
लेकिन एक दिन बाद ही वह अपने उस बयान से पलट गए और कहने लगे कि सैंडल के फीते बांधने वाला सुरक्षा अधिकारी उनके 'बेटे' की तरह है और चूंकि उनके बाएं पैर में दर्द था, इसलिए मदद कर रहा था.
ओडिशा के मंत्री जोगेंद्र बेहरा के सैंडल के फीते बांधता एक सुरक्षा अधिकारी
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