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This Article is From May 18, 2024

सावधान! उत्तर पश्चिम भारत को झुलसा रहा है सूरज, मौसम विभाग ने जारी की ये चेतावनी

उत्तर पश्चिम भारत के लोग पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं. अब मौसम विभाग की ओर से अगले पांच दिनों तक उत्तर पश्चिम भारत में भीषण लू की चेतावनी जारी की गई है.

सावधान! उत्तर पश्चिम भारत को झुलसा रहा है सूरज, मौसम विभाग ने जारी की ये चेतावनी
राजस्‍थान में 19 जगहों पर पारा 45 डिग्री के पार पहुंच चुका है.
नई दिल्‍ली:

देश के उत्तर-पश्चिम इलाके पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी और उच्‍च तापमान की चपेट में हैं. मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक उत्तर पश्चिम भारत के लिए भीषण लू की चेतावनी जारी की है. अगले तीन दिनों तक मध्य और पूर्वी भारत में भी लू की स्थिति बनी रहेगी. दिल्ली-एनसीआर के इलाके में आज सर्वाधिक तापमान मुंगेशपुर में 46.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसके बाद नजफगढ़ में 46.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 

भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) ने राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. साथ ही पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. लोगों को सतर्क रहने और उच्च तापमान के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है. 

राजस्थान में 19, हरियाणा में 18, दिल्ली में आठ और पंजाब में दो स्थानों पर पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है. 

लू की स्थिति तब होती है जब मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री और पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री तक पहुंच जाता है और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा होता है. 

जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में तापमान सामान्य रहने की उम्मीद है. वहीं उत्तराखंड में गर्मी और उमस भरी स्थिति रहने की उम्मीद है. 

दक्षिण भारत में बारिश का अलर्ट 

इस बीच, दक्षिण भारत में 23 मई तक भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, 19-21 मई के दौरान बेहद भारी बारिश होगी.

मौसम कार्यालय ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून के 19 मई के आसपास दक्षिण अंडमान सागर, दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और निकोबार द्वीप समूह में आगे बढ़ने की संभावना है.

लू की संभावना पहले से 30 फीसदी बढ़ी 

प्रमुख जलवायु वैज्ञानिकों के एक समूह ने बुधवार को कहा कि इस तरह की लू हर 30 साल में एक बार आ सकती हैं और जलवायु परिवर्तन के कारण इनकी संभावना पहले से ही करीब 45 गुना अधिक हो गई है. 

वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन ग्रुप के वैज्ञानिकों ने इस बात पर जोर दिया कि जलवायु परिवर्तन के कारण तेज गर्मी और लू पूरे एशिया में गरीबी में रहने वाले लोगों के लिए जीवन को बहुत कठिन बना रही हैं. 

आईएमडी ने पहले ही भारत में अप्रैल-जून की अवधि के दौरान अत्यधिक गर्मी की चेतावनी दी थी. 

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