मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट की कार्यवाही को रद्द करने के लिए राणा अय्यूब की याचिका पर SC ने फैसला सुरक्षित रखा

आरोप है कि राणा अय्यूब ने एक ऑनलाइन क्राउड-फंडिंग प्लेटफॉर्म, 'केटो' के जरिए अभियान चलाकर चैरिटी के नाम पर आम जनता से अवैध रूप से धन इकट्ठा किया.

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट की कार्यवाही को रद्द करने के लिए राणा अय्यूब की याचिका पर SC ने फैसला सुरक्षित रखा

राणा अय्यूब की ओर से वृंदा ग्रोवर ने कहा था ये मामला गाजियाबाद कोर्ट के अधिकार क्षेत्र का नहीं है.

नई दिल्ली:

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गाजियाबाद की एक अदालत द्वारा शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने के लिए राणा अय्यूब की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रखा है. ईडी (ED) और अय्यूब की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया है. सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि गाजियाबाद अदालत के समन को रद्द किया जाए या नहीं. अय्यूब की ओर से वृंदा ग्रोवर ने कहा गाजियाबाद की अदालत का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है, इस समन को रद्द किया जाए. वहीं इसका विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कार्रवाई का कारण गाजियाबाद में है और हम केवल उसमें हैं. हम चाहते हैं कि यह मनी लॉन्ड्रिंग रुके. हमारे पास पुख़्ता सबूत हैं कि मनी लॉंड्रिंग की गई है. 

इससे पहले 25 जनवरी को पत्रकार राणा अय्यूब को राहत मिली थी. सुप्रीम कोर्ट ने गाजियाबाद कोर्ट को 27 जनवरी को होने वाली सुनवाई टालने को कहा था. हालांकि जारी किए गए समन पर रोक लगाने से इनकार किया था.  सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा था कि याचिका को लेकर सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आएं हैं. क्षेत्राधिकार का मुद्दा इलाहाबाद हाईकोर्ट भी सुन सकता है.

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राणा अय्यूब की ओर से वृंदा ग्रोवर ने कहा था ये मामला गाजियाबाद कोर्ट के अधिकार क्षेत्र का नहीं है. ये मामला बॉम्बे हाईकोर्ट का है. ईडी की दिल्ली यूनिट ने जांच की तो मामला गाजियाबाद कैसे पहुंचा ? यूपी में कानून व्यवस्था नहीं है. याचिकाकर्ता एक पत्रकार है. उसे संरक्षण दिया जाए. उसने पूरी तरह जांच में सहयोग किया है. उसे कभी गिरफ्तार नहीं किया गया. उसकी स्वतंत्रता को खतरा है. जब तक हाईकोर्ट में सुनवाई ना हो तब तक अंतरिम संरक्षण किया जाए. 

ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था इस मामले में राहत नहीं दी जा सकती. इस मामले में एजेंसी के पास पुख्ता सबूत हैं. याचिकाकर्ता पूरे राज्य पर संदेह व्यक्त कर रही है.

राणा अय्यूब की गाजियाबाद कोर्ट द्वारा जारी किए गए समन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था. पत्रकार राणा अय्यूब ने गाजियाबाद कोर्ट द्वारा 27 जनवरी को पेश होने को लेकर जारी किए गए समन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. गाजियाबाद कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर चार्जशीट का संज्ञान लेने के बाद राणा अयूब के खिलाफ समन जारी किया है. 

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आरोप है कि राणा अय्यूब ने एक ऑनलाइन क्राउड-फंडिंग प्लेटफॉर्म, 'केटो' के जरिए अभियान चलाकर चैरिटी के नाम पर आम जनता से अवैध रूप से धन इकट्ठा किया. ईडी जांच के अनुसार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जुटाई गई धनराशि राणा अय्यूब के पिता और बहन के खाते में ट्रांसफर की गई थी. अय्यूब ने अपने लिए 50 लाख रुपये की एफडी भी बनवाई थी
जबकि चैरिटी के लिए लगभग 29 लाख रुपये का इस्तेमाल किया था.