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भारत-पाकिस्तान के बीच सिंधु जल सिंध की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर थी
कोर्ट ने इस याचिका को खारज कर दिया है
कोर्ट ने कहा 'आधी सदी से जारी है यह समझौता'
बताते चलें कि करीब एक दशक तक विश्व बैंक की मध्यस्थता में बातचीत के बाद 19 सितंबर 1960 को सिंधु जल समझौता हुआ था. इस संधि पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू - पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे. इसके तहत सिंधु घाटी की 6 नदियों का जल बंटवारा हुआ था. सिंधु बेसिन की नदियों को दो हिस्सों में बांटा गया था, पूर्वी और पश्चिमी. भारत इन नदियों के उद्गम के ज्यादा क़रीब है और यह नदियां भारत से पाकिस्तान की ओर जाती हैं.
पूर्वी पाकिस्तान की 3 नदियों का नियंत्रण भारत के पास है. इनमें व्यास, रावी और सतलज आती हैं, वहीं पश्चिम पाकिस्तान की 3 नदियों का नियंत्रण पाकिस्तान के पास है. इनमें सिंधु, चिनाब और झेलम आती हैं. पश्चिमी नदियों पर भारत का सीमित अधिकार है. भारत अपनी 6 नदियों का 80% पानी पाकिस्तान को देता है और भारत के हिस्से क़रीब 20% पानी आता है.
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