नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त मध्यस्थ बातचीत करने के लिए पहुंच गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए वार्ताकार नियुक्त किया था. प्रदर्शनकारियों से बातचीत करके मध्यस्थ शाहीन बागे में रास्ता खुलवाने की कोशिश करेंगे. संजय हेगड़े ने शाहीन बाग में कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक यहां आए हैं. हम सभी से बातचीत करने की उम्मीद करते हैं. हम सभी के सहयोग से इस मामले के समाधान की उम्मीद करते हैं.'
Delhi: Sanjay Hegde and Sadhana Ramachandran — mediators appointed by Supreme Court speak to the protesters at Shaheen Bagh. pic.twitter.com/vAInhlXgLQ
— ANI (@ANI) February 19, 2020
प्रदर्शनकारियों से बात करते हुए संजय हेगड़े ने कहा कि हम आपकी बात सुनने आये हैं, आपके लिए बहुत जरूरी है ये सुनना कि सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले पर क्या कहा है. जिसके बाद संजय हेगड़े ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पढ़कर प्रदर्शनकारियों को सुनाया. एक अन्य वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने आपके आंदोलन करने के हक़ का समर्थन किया है,लेकिन हम सबकी तरह और भी नागरिक है उनका हक छीना नहीं छीना जा सकता है."
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साधना रामचंद्रन ने कहा कि हमे इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने भेजा है कि हम मिलकर हल निकाले हम मिलकर आप सबकी बात सुनना चाहते है. हम ऐसा हल निकालगे कि वो दुनिया के लिए मिसाल बनेगा हम बगैर मीडिया के आपसे बात करना चाहते है. लेकिन प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जो भी बात करनी है वो मीडिया के सामने होनी चाहिए. प्रदर्शनकारियों के मीडिया के सामने ही वार्ता करने की बात पर साधना रामचंद्रन ने कहा कि अगर आप मीडिया के सामने बात करना चाहते हैं तो हम कुछ कहेंगे ही नहीं. हम सिर्फ़ आपको सुनेंगे हमारे पास रविवार तक का वक़्त है. साधना रामचंद्रन ने कहा कि हमे इस तरह से हल निकालना है कि रोड खुल जाए. उनकी बात पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने एतराज जताया और दादी ने कहा कि रोड तब तक नहीं खोलेंगे जब तक CAA वापस नहीं लिया जाएगा.
गौरतलब है कि शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में जारी आंदोलन के ख़िलाफ़ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम धरने पर कुछ नहीं कह रहे हैं लेकिन सवाल ये है कि यह धरना कहां हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हमारी चिंता इस बात पर है कि यह प्रदर्शन सड़क पर किया जा रहा है, इस केस या फिर किसी भी केस में सड़क को ब्लॉक नहीं किया जा सकता है.
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इसके जवाब में शाहीन बाग पक्ष के वकील ने कहा था कि हमें इसके लिए थोड़ा समय चाहिए. इस पर कोर्ट ने कहा था कि अगर दूसरे मामले में भी रोड ब्लॉक करके इस तरह का प्रदर्शन करते हैं तो अफरातफरी मच जाएगी. याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने धरना प्रदर्शन को लेकर गाइडलाइन बनाई थी, लेकिन यहां सड़क को बंद कर रखा गया है.
VIDEO: क्या शाहीन बाग का मामला बातचीत से सुलझेगा?
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