नई दिल्ली:
केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने अरविंद केजरीवाल द्वारा अपने गैर सरकारी संगठन के कोष के दुरुपयोग के आरोप का खंडन किया और साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर मामले की जांच की मांग भी की। इसी हस्ताक्षर पर खुर्शीद के ट्रस्ट को धन निर्गत हुआ था। खुर्शीद ने स्टिंग ऑपरेशन करने वाले टीवी चैनल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की भी बात कही।
उधर, इस मामले में प्रधानमंत्री को भी लपेटते हुए केजरीवाल ने खुर्शीद की सफाई को नकार दिया और कहा कि वह सोमवार को नए सबूतों को पेश करेंगे।
विदेश से लौटने के बाद खुर्शीद ने अपने आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में ट्राइ साइकिल एवं सुनने में सहायक उपकरण वितरित करने के लिए शिविर आयोजित होने के सम्बंध में तस्वीरें एवं कागजात प्रस्तुत किया। इसके अलावा लाभार्थियों को भी पत्रकारों के सामने लाया गया।
खुर्शीद ने कहा कि वह स्टिंग ऑपरेशन करने वाले 'आज तक' न्यूज चैनल के खिलाफ मानहानि का दावा करेंगे।
खुर्शीद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाके में जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा विकलांगों के लिए शिविर आयोजित किए गए। सलमान खुर्शीद इस ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं लुईस परियोजना निदेशक हैं।
कानून मंत्री ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात कर अपने अनुभवों को साझा करेंगे।
संवाददाता सम्मेलन के दौरान खुर्शीद एवं 'आज तक' के संवाददाताओं के बीच बहस भी हो गई।
केंद्रीय मंत्री ने तस्वीरों के अलावा शिविर में मौजूद महत्वपूर्ण व्यक्तियों को भी प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि शिविर लगने के पर्याप्त प्रमाण उनके पास मौजूद हैं।
खुर्शीद ने नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) की गड़बड़ी की ड्रॉफ्ट रिपोर्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें नहीं मालूम है कि कैग को कागज क्यों नहीं दिए गए। उन्होंने कहा, "मंत्रालय को कागजात दे दिए गए थे। उन्होंने कैग को क्यों नहीं दिया हमें नहीं मालूम।" खुर्शीद ने कहा कि वह और उनकी पत्नी जांच की मांग करते हैं।
कानून मंत्री ने इस बात पर सहमति जताई कि पत्र पर उत्तर प्रदेश के अधिकारी का हस्ताक्षर फर्जी था। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय को लिखे इस पत्र से मार्च 2009 में खुर्शीद के ट्रस्ट को 68 लाख रुपये मिले थे। उन्होंने कहा, "यह सही है कि केंद्र सरकार को एक पत्र गया था। उस आदमी ने हस्ताक्षर से इनकार किया है। हम चाहते थे कि उत्तर प्रदेश सरकार पत्र की जांच करे। हम पहले से जांच की मांग कर रहे हैं, तब हमसे प्रश्न क्यों किया जा रहा है?"
ज्ञात हो कि टीवी चैनल 'आज तक' की रिपोर्ट के अनुसार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता ने खुर्शीद के संगठन को उत्तर प्रदेश के 17 जिलों के विकलांगों में तिपहिया एवं सुनने में सहायक उपकरण वितरित करने के लिए 71.50 लाख रुपये दिए थे। चैनल के अनुसार खुर्शीद के ट्रस्ट ने इस पैसे का दुरुपयोग किया है।
चैनल की रिपोर्ट के बाद केजरीवाल ने खुर्शीद पर गबन करने का आरोप लगाते हुए उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने एवं गिरफ्तारी की मांग को लेकर शनिवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने की घोषणा की थी।
इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) केजरीवाल ने कहा कि उनका संगठन खुर्शीद के खिलाफ ताजा सबूत पेश करेगा। उन्होंने कहा, "हम सोमवार को सुबह 11.00 बजे सलमान खुर्शीद के खिलाफ ताजा सबूत पेश करेंगे।"
केजरीवाल ने खुर्शीद के सबूतों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "जब तक खुर्शीद कानून मंत्री बने रहेंगे वह अपने खिलाफ सारे सबूत नष्ट कर सकते हैं। इस मामले में कोई भी निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती।"
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर चुप रहने का कारण पूछा। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं? क्या वह नहीं सोचते कि खुर्शीद को इस्तीफा दे देना चाहिए?"
उधर, इस मामले में प्रधानमंत्री को भी लपेटते हुए केजरीवाल ने खुर्शीद की सफाई को नकार दिया और कहा कि वह सोमवार को नए सबूतों को पेश करेंगे।
विदेश से लौटने के बाद खुर्शीद ने अपने आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में ट्राइ साइकिल एवं सुनने में सहायक उपकरण वितरित करने के लिए शिविर आयोजित होने के सम्बंध में तस्वीरें एवं कागजात प्रस्तुत किया। इसके अलावा लाभार्थियों को भी पत्रकारों के सामने लाया गया।
खुर्शीद ने कहा कि वह स्टिंग ऑपरेशन करने वाले 'आज तक' न्यूज चैनल के खिलाफ मानहानि का दावा करेंगे।
खुर्शीद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाके में जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा विकलांगों के लिए शिविर आयोजित किए गए। सलमान खुर्शीद इस ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं लुईस परियोजना निदेशक हैं।
कानून मंत्री ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात कर अपने अनुभवों को साझा करेंगे।
संवाददाता सम्मेलन के दौरान खुर्शीद एवं 'आज तक' के संवाददाताओं के बीच बहस भी हो गई।
केंद्रीय मंत्री ने तस्वीरों के अलावा शिविर में मौजूद महत्वपूर्ण व्यक्तियों को भी प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि शिविर लगने के पर्याप्त प्रमाण उनके पास मौजूद हैं।
खुर्शीद ने नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) की गड़बड़ी की ड्रॉफ्ट रिपोर्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें नहीं मालूम है कि कैग को कागज क्यों नहीं दिए गए। उन्होंने कहा, "मंत्रालय को कागजात दे दिए गए थे। उन्होंने कैग को क्यों नहीं दिया हमें नहीं मालूम।" खुर्शीद ने कहा कि वह और उनकी पत्नी जांच की मांग करते हैं।
कानून मंत्री ने इस बात पर सहमति जताई कि पत्र पर उत्तर प्रदेश के अधिकारी का हस्ताक्षर फर्जी था। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय को लिखे इस पत्र से मार्च 2009 में खुर्शीद के ट्रस्ट को 68 लाख रुपये मिले थे। उन्होंने कहा, "यह सही है कि केंद्र सरकार को एक पत्र गया था। उस आदमी ने हस्ताक्षर से इनकार किया है। हम चाहते थे कि उत्तर प्रदेश सरकार पत्र की जांच करे। हम पहले से जांच की मांग कर रहे हैं, तब हमसे प्रश्न क्यों किया जा रहा है?"
ज्ञात हो कि टीवी चैनल 'आज तक' की रिपोर्ट के अनुसार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता ने खुर्शीद के संगठन को उत्तर प्रदेश के 17 जिलों के विकलांगों में तिपहिया एवं सुनने में सहायक उपकरण वितरित करने के लिए 71.50 लाख रुपये दिए थे। चैनल के अनुसार खुर्शीद के ट्रस्ट ने इस पैसे का दुरुपयोग किया है।
चैनल की रिपोर्ट के बाद केजरीवाल ने खुर्शीद पर गबन करने का आरोप लगाते हुए उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने एवं गिरफ्तारी की मांग को लेकर शनिवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने की घोषणा की थी।
इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) केजरीवाल ने कहा कि उनका संगठन खुर्शीद के खिलाफ ताजा सबूत पेश करेगा। उन्होंने कहा, "हम सोमवार को सुबह 11.00 बजे सलमान खुर्शीद के खिलाफ ताजा सबूत पेश करेंगे।"
केजरीवाल ने खुर्शीद के सबूतों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "जब तक खुर्शीद कानून मंत्री बने रहेंगे वह अपने खिलाफ सारे सबूत नष्ट कर सकते हैं। इस मामले में कोई भी निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती।"
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर चुप रहने का कारण पूछा। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं? क्या वह नहीं सोचते कि खुर्शीद को इस्तीफा दे देना चाहिए?"
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