- दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट के मामले में NIA ने हरियाणा के मौलवी इस्ताक को हिरासत में लिया है
- मौलवी इस्ताक को जम्मू कश्मीर ले जाकर एनआईए और जम्मू कश्मीर पुलिस मिलकर संयुक्त पूछताछ कर रही है
- कश्मीर घाटी के शोपियां, कुलगाम, बारामूला और गांदरबल में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के ठिकानों पर छापे मारे
लाल किले के पास हुए शक्तिशाली विस्फोट ने ना सिर्फ दिल्ली के चैन और सुकून को धक्का पहुंचाया, बल्कि मारे गये लोगों के सैकड़ों किलोमीटर दूर बसे घरों के सपनों और उम्मीदों को भी चकनाचूर कर दिया. अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने अपनी जांच तेज कर दी है और हर बीतते वक्त के साथ मामले में नए खुलासे हो रहे हैं. इसी बीच NIA ने हरियाणा के मेवात के मौलवी इस्ताक को हिरासत में ले लिया है. मौलवी इस्ताक वही शख्स है जिसने मामले में हरियाणा के फरीदाबाद से 2900 किलो विस्फोटक के साथ गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल शकील को अपना कमरा किराए पर दिया था. मौलवी इस्ताक को जम्मू कश्मीर ले जाया गया है. उससे NIA और जम्मू कश्मीर पुलिस ज्वाइंट इंटेरोगेशन कर रही है यानी दोनों मिलकर उससे पूछताछ कर रहे हैं.
पुलिस ने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी सदस्यों से जुड़े स्थानों पर छापे मारे
पुलिस ने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) के खिलाफ कार्रवाई के तहत बुधवार को कश्मीर घाटी में कई स्थानों पर छापे मारे. अधिकारियों ने बताया कि शोपियां, कुलगाम, बारामूला और गांदरबल जिलों में कई स्थानों पर छापे मारे गए. उन्होंने बताया कि जेईआई सदस्यों और उनके साथियों के आवासों और परिसरों पर छापे मारे गए तथा तलाशी ली गई. अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई जमीनी स्तर पर आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त करने के निरंतर प्रयासों का एक हिस्सा है. अभियान अभी जारी है और विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है.
NIA कर रही मामले की जांच
NIA द्वारा अब इस मामले की जांच की जा रही है. एनआईए के एडीजी विजय सखारे के नेतृत्व में टीम यह काम करेगी. एनआईए ने इसके लिए स्पेशल 10 अधिकारियों की टीम तैयार की है. इसमें आईजी, दो डीआईजी और तीन एसपी और बाकी डीएसपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं. कल गृह मंत्रालय ने लाल किला ब्लास्ट मामले की जांच NIA को सौंपी थी. आज NIA DG और IB चीफ की मुलाकात चल रही है. जांच के लिए NIA की टीम जम्मू कश्मीर पुलिस, दिल्ली पुलिस, और हरियाणा पुलिस से जैश मॉड्यूल की तमाम केस डायरी आज अपने कब्जे में लेगी ताकि इस आतंकी मॉड्यूल से संबंधित सभी पहलुओं की जांच की जा सके. साथ ही इस आतंकी मॉड्यूल के फाइनेंशियल सपोर्ट और ऑपरेशन करने वालों को भी उजागर किया जा सके.
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