
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2022-23 में देश की आर्थिक वृद्धि दर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बुधवार को कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में देश की आर्थिक वृद्धि दर सात फीसदी से अधिर रहने की संभावना है. CII (उद्योग संघ कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री) के सालाना अधिवेशन में आरबीआई गवर्नर ने उद्योग जगत को आगाह किया की महंगाई के मोर्चे पर खतरा अभी टला नहीं है और साफ़ शब्दों में कहा कि सेंट्रल बैंक रेपो रेट ज़मीनीं हालात को देख कर ही तय करती है.
CII के अधिवेसन में बोले RBI गवर्नर
CII के सालाना अधिवेशन में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अनुमान है कि GDP ग्रोथ 7% रहेगी. संभावना है कि यह और अधिक हो सकता है. इसमें आश्चर्य नहीं होगा अगर पिछले साल की GDP विकास दर 7% से थोड़ा ऊपर आ जाए. शक्तिकांत दास के मुताबिक साल 2023-24 के दौरान आर्थिक विकास दर 6.5% रहने की उम्मीद है.
"ग्लोबल स्तर पर जियोपॉलिटिकल सिचुएशन में अनिश्चितता बनी हुई है"
बड़े उद्योगपतियों को सम्बोधित करते हुए RBI गवर्नर ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत हैं लेकिन आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं. ग्लोबल स्तर पर जियोपॉलिटिकल सिचुएशन में अनिश्चितता बनी हुई है. वैश्विक व्यापर के सिकुड़ने के संकेत हैं और भारतीय मानसून पर एल नीनो के असर पर नज़र रखने की जरूरत है. CII के सालाना अधिवेशन में Repo Rate में बढ़ोतरी को कुछ समय के लिए "रोकने" करने की बात उठी. लेकिन RBI गवर्नर ने साफ़ शब्दों में कहा कि महंगाई के मोर्चे पर चुनौती अभी ख़त्म नहीं हुई है.
महंगाई पर जंग अभी खत्म नहीं हुई है
शक्तिकांत दास ने कहा कि यह मेरे हाथ में नहीं है. यह सब जमीनी स्थिति पर निर्भर करता है. मैं साफ कर दूं कि महंगाई पर जंग अभी खत्म नहीं हुई है. हमें सतर्क रहना होगा. विशेष रूप से हमें यह देखना होगा कि एल नीनो का मानसून पर कितना असर पड़ता है. साथ ही ये देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि मौसम विभाग इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून की दिशा और दशा पर अपने अपडेटेड मानसून फोरकास्ट रिपोर्ट में क्या तथ्य पेश करता है.
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