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This Article is From May 28, 2011

सुषमा-जेटली में मतभेद नहीं : राजनाथ

New Delhi: कर्नाटक के रेड्डी बंधुओं को मंत्री बनाने के संबंध में सुषमा स्वराज की टिप्पणियों से उपजे विवाद को शांत करने के प्रयास में बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि अरुण जेटली को प्रभारी बनाए जाने सहित उस समय राज्य के बारे में सभी निर्णय उनकी सहमति से हुए थे। उन्होंने कहा, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा तथा राज्यसभा में विपक्ष के नेता जेटली के बीच दरार आने की खबरें बेबुनियाद हैं। यह सच है कि जेटली कर्नाटक के प्रभारी थे। पार्टी अध्यक्ष के तौर पर मैंने ही उन्हें वहां भेजा था और कैबिनेट गठन के समय विवाद की गुंजाइश रहती है। सिंह ने साथ ही यह भी स्वीकार किया कि 2009 में रेड्डी बंधुओं द्वारा मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ बगावत करने पर इन दोनों भाइयों से बातचीत करके मामला सुलझाने के लिए उन्होंने सुषमा स्वराज की मदद ली थीं। बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि उस समय कर्नाटक के संबंध में जो भी निर्णय हुए, बतौर अध्यक्ष उनकी सहमति से हुए थे। सुषमा ने दावा किया है कि रेड्डी बंधुओं को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने का निर्णय उनका नहीं, बल्कि जेटली, एम वेंकैया नायडू और अनंत कुमार का था। उन्होंने इस आरोप को गलत बताया कि रेड्डी बंधुओं से नजदीकियों के कारण उनके दबाव में ही दोनों को मंत्री बनाया गया था। उन्होंने कहा, सच्चाई यह है कि वह इस बात के खिलाफ ही थीं कि एक परिवार के तीन लोगों को मंत्री बनाया जाए। जनार्दन और करुणाकर रेड्डी को मंत्री बनाए जाने के साथ ही तीसरे भाई सोमशेखर रेड्डी को मंत्री स्तर का दर्जा दिया गया था।

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