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This Article is From Jul 23, 2020

जब सुप्रीम कोर्ट में जज से बोले कपिल सिब्बल, 'आजकल दर्द की आदत हो गई है मुझे...'

राजस्थान केस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान हो रही सुनवाई के दौरान जज ने उनसे कुछ पूछा, जिसपर सिब्बल ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में बोले कि आजकल उन्हें दर्द की आदत हो गई है.

जब सुप्रीम कोर्ट में जज से बोले कपिल सिब्बल, 'आजकल दर्द की आदत हो गई है मुझे...'
सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान स्पीकर का पक्ष रख रहे हैं कपिल सिब्बल. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को राजस्थान कांग्रेस के संकट पर चल रही सुनवाई (Rajasthan Congress Crisis) के दौरान राजस्थान स्पीकर का पक्ष रख रहे वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल (kapil Sibal) सुनवाई के लिए बैठे जज से मज़ाक करते नज़र आए. दरअसल, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान हो रही सुनवाई के दौरान जज ने उनसे कुछ पूछा, जिसपर सिब्बल ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में बोले कि आजकल उन्हें दर्द की आदत हो गई है. कोर्ट में स्पीकर सीपी जोशी और सचिन पायलट के केस पर सुनवाई होनी थी. राजस्थान हाईकोर्ट ने पायलट सहित 19 विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने वाले नोटिस के तहत कार्रवाई पर शुक्रवार तक रोक लगाया था, जिसके खिलाफ स्पीकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. स्पीकर का पक्ष कपिल सिब्बल रख रहे हैं. 

वीडियो कॉन्फ्रेंस पर सुनवाई के दौरान सिब्बल अपना तर्क रख रहे थे, तभी जस्टिस अरुण मिश्रा ने उनसे पूछा, 'आप दर्द में क्यों दिख रहे हैं?' इसपर सिब्बल ने जवाब दिया, 'मैं दर्द में नहीं हूं...साल्वे मुस्कुरा रहे हैं.' उनका इशारा वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे की तरफ था, जो सचिन पायलट और बाकी 18 बागी कांग्रेसी विधायकों का का केस रख रहे हैं. 

इस पर जस्टिस मिश्रा ने कहा, 'आप सोच में तो ज़रूर पड़े हुए हैं.' इसपर सिब्ब्ल ने जवाब दिया, 'आजकल मुझे दर्द की आदत हो गई है.' अपनी इस टिप्पणी पर उन्होने आगे कुछ नहीं कहा और बात आई-गई खत्म हो गई. 

सिब्बल ने जरूर मज़ाक किया था लेकिन उनके इस बयान को पार्टी में मची आंतरिक कलह से जोड़कर देखा जा रहा है. कांग्रेस एक के बाद एक मुसीबत से डील कर रही है. अभी मार्च में ही मध्य प्रदेश में उसकी 15 महीने पुरानी सरकार गिर गई. 19 साल से पार्टी में रहे मजबूत नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए और अपने साथ कमलनाथ सरकार को गिराते हुए 22 विधायक भी साथ ले गए. 

अब राजस्थान में भी कुछ वैसी ही स्थिति है. सचिन पायलट काफी पहले से खुद को सीएम बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. अब उनके पास 18 विधायकों का समर्थन है और वो बिल्कुल आर-पार की इस लड़ाई में कानूनी सहारा लेने तक पहुंच गए हैं. मुश्किल यह भी है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उसे अंदाज़ में अड़े हुए हैं. 

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