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This Article is From Sep 12, 2017

जिनके साथ बैडमिंटन खेलता था उन्होंने ही मेरी दादी को मार डाला : बर्कले यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि देश में आज नफरत और हिंसा की राजनीति का बोलबाला है. लेकिन हिंसा से किसी का भला नहीं हो सकता है.

जिनके साथ बैडमिंटन खेलता था उन्होंने ही मेरी दादी को मार डाला : बर्कले यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी
बर्कले यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी ने किया दादी इंदिरा गांधी की हत्या का जिक्र
  • हिंसा और नफरत की राजनीति ठीक नहीं : राहुल गांधी
  • पीएम उम्मीदवार की जिम्मेदारी लेने को तैयार
  • हिंसा का दर्द मुझसे बेहतर कोई नहीं जान सकता
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बर्कले: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पहली बार कहा है कि अगर पार्टी कहेगी तो वह प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने को तैयार हैं. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि 2012 में कांग्रेस पार्टी में घमंड आ गया था और पार्टी ने जनता से संवाद कम कर दिया, जिसके चलते लोगों से दूरी बन गई. नोटबंदी को लेकर भी राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. राहुल ने कहा कि नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है.

बर्कले यूनिवर्सिटी में पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए यह क्या कह गए राहुल गांधी, पढ़ें 12 बड़ी बातें

राहुल गांधी ने कहा कि देश में आज नफरत और हिंसा की राजनीति का बोलबाला है. लेकिन हिंसा से किसी का भला नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि हिंसा में मैंने अपनी दादी (इंदिरा गांधी) और पिता (राजीव गांधी) को खोया. मुझसे बेहतर हिंसा को कौन समझेगा. उन्होंने कहा, 'जिन लोगों ने मेरी दादी को गोली मारी, मैं उन लोगों के साथ बैडमिंटन खेलता था. मुझे पता है कि हिंसा से क्या नुकसान हो सकता है. जब आप अपने लोगों को खोते हैं, तो आपको गहरी चोट लगती है.' कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि अहिंसा की विचारधारा आज खतरे में है, हालांकि यही एक ऐसी विचारधारा है जो मानवता को आगे ले जा सकती है.

2013 में मैंने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को गले लगाकर कहा, 'कश्मीर' आपकी सबसे बड़ी अचीवमेंट : राहुल गांधी

ANI के मुताबिक- राहुल गांधी ने कहा कि मैंने, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पी चिदंबरम और जयराम रमेश ने मिलकर जम्मू-कश्मीर पर काम किया. 2013 में हमने मनमोहन सिंह को गले लगाकर कहा कि आपकी सबसे बड़ी सफलता कश्मीर में आतंकवाद को कम करना है. हमने कश्मीर पर बड़े-बड़े भाषण नहीं दिए, हमने वहां पर पंचायती राज और छोटे लेवल पर लोगों से बात की. लेकिन आज जम्मू-कश्मीर में हिंसा चरम पर है. साल 2014 में कश्मीर में फिर सुरक्षाकर्मियों की जरूरत पड़ गई. कश्मीर में कई पार्टियां हैं. पीडीपी ने नए लोगों को राजनीति में लाने का काम किया, लेकिन बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद ये चीज बंद हुई. अब युवा आतंकियों के पास जा रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंकियों को जगह दे दी और हिंसा बढ़ गई.

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