कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)
कलबुर्गी:
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज राजग सरकार पर भारत की विदेश नीति में समस्या पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि क्षेत्र में भारत अलग-थलग पड़ गया है. चीन के बढ़ते प्रभाव को रेखांकित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि एक देश की विदेश नीति का सबसे जरूरी हिस्सा दूसरों के साथ ‘‘अच्छे संबंध’’ रखना होता है. यहां पेशेवरों और कारोबारियों के साथ एक बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत वास्तव में क्षेत्र में अलग थलग पड़ गया है.’’ राहुल इस चुनावी राज्य की चार दिन की जनाशीर्वाद यात्रा पर हैं. आज उनकी इस यात्रा का आखिरी दिन है.
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राहुल ने कहा कि भारत को चीन से निपटने के लिए आक्रामक नहीं बल्कि शांतिपूर्ण रास्ता तलाश करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘चीन से मुकाबले के लिए हमें एक रास्ता ढूंढना होगा. आक्रामक रास्ता नहीं, सैनिक रास्ता नहीं, बल्कि एक शांतिपूर्ण रास्ता.’’ उन्होंने क्षेत्र में चीन की मौजूदगी के बढ़ते जाने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आप देखिए कि चीन की मौजूदगी नेपाल में है, उनकी मौजूदगी पाकिस्तान में है, श्रीलंका में है, मालदीव में है.उनकी मौजूदगी बर्मा में है.’’ उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने भारतीय विदेश नीति में एक समस्या खड़ी कर दी है.
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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘भारत का करीबी मित्र रूस अब हमारे एक पड़ोसी से नजदीकी बढ़ा रहा है. यह दरअसल एक गंभीर समस्या है, जिसपर बात नहीं हो रही है.’’ रोजगार सृजन पर केन्द्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए राहुल ने दावा किया कि चीन में हर 24 घंटे में 50,000 नौकरियां सृजित की जाती हैं, जबकि राजग सरकार इतनी ही अवधि में 450 नौकरियां पैदा कर रही है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर विचार विमर्श भी नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि भारत को उतने ही रोजगार सृजन करने चाहिएं, जितने चीन में हो रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि के लिहाज से भारत ठीक ठाक है, लेकिन पहले वह इससे कहीं बेहतर था. वैसे उन्होंने स्वीकार किया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले संप्रग शासन में भी उतनी नौकरियां पैदा नहीं हो पा रही थीं, जितनी होनी चाहिए थीं.
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राहुल ने कहा कि भारत को चीन से निपटने के लिए आक्रामक नहीं बल्कि शांतिपूर्ण रास्ता तलाश करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘चीन से मुकाबले के लिए हमें एक रास्ता ढूंढना होगा. आक्रामक रास्ता नहीं, सैनिक रास्ता नहीं, बल्कि एक शांतिपूर्ण रास्ता.’’ उन्होंने क्षेत्र में चीन की मौजूदगी के बढ़ते जाने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आप देखिए कि चीन की मौजूदगी नेपाल में है, उनकी मौजूदगी पाकिस्तान में है, श्रीलंका में है, मालदीव में है.उनकी मौजूदगी बर्मा में है.’’ उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने भारतीय विदेश नीति में एक समस्या खड़ी कर दी है.
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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘भारत का करीबी मित्र रूस अब हमारे एक पड़ोसी से नजदीकी बढ़ा रहा है. यह दरअसल एक गंभीर समस्या है, जिसपर बात नहीं हो रही है.’’ रोजगार सृजन पर केन्द्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए राहुल ने दावा किया कि चीन में हर 24 घंटे में 50,000 नौकरियां सृजित की जाती हैं, जबकि राजग सरकार इतनी ही अवधि में 450 नौकरियां पैदा कर रही है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर विचार विमर्श भी नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि भारत को उतने ही रोजगार सृजन करने चाहिएं, जितने चीन में हो रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि के लिहाज से भारत ठीक ठाक है, लेकिन पहले वह इससे कहीं बेहतर था. वैसे उन्होंने स्वीकार किया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले संप्रग शासन में भी उतनी नौकरियां पैदा नहीं हो पा रही थीं, जितनी होनी चाहिए थीं.
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