आयकर विभाग ने पंजाब के मंत्री राणा गुरजीत सिंह के चार पूर्व कर्मचारियों को कथित तौर पर मिले खनन ठेकों की जांच शुरू कर दी है.
चंडीगढ़:
आयकर विभाग ने पंजाब के मंत्री राणा गुरजीत सिंह के चार पूर्व कर्मचारियों को कथित तौर पर मिले खनन ठेकों की जांच शुरू कर दी है. वहीं, राज्य सरकार ने भी मामले में सोमवार को न्यायिक जांच के आदेश दिये.
शहीद भगत सिंह नगर में सैदपुर खुर्द गांव के अमित बहादुर को 26.51 करोड़ रपये, एसबीएस नगर के मेहदीपुर में कुलविंद पॉल सिंह को 9.21 करोड़ का, मोहाली जिले के रामपुर कलां गांव में गुरिंदर सिंह को 4.11 करोड़ और बैरसाल गांव के 10.58 करोड़ रपये का खनन ठेका दिए जाने पर सवाल उठाए जा रहे थे.
एक आयकर अधिकारी ने कहा, "समाचार पत्रों में जिन चार लोगों के नाम आए हैं उन्हें खनन ठेका दिए जाने की जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन फिलहाल यह प्रारंभिक चरण में है." एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी राज्य में हाल में करोड़ों रपये के बालू के ठेके की नीलामी में राज्य के सिंचाई एवं बिजली मंत्री के खिलाफ लगे ‘अनुचित व्यवहार’ के आरोपों की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित करने का आदेश दिया. एक सदस्यीय आयोग का नेतृत्व न्यायमूर्ति :सेवानिवृत्त: जे एस नारंग करेंगे और एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.
एक आधिकारिक वक्तव्य में बताया कि जांच आयोग के कार्य क्षेत्र को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राणा ने मामले की स्वतंत्र निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए इस्तीफा देने की पेशकश की थी लेकिन मुख्यमंत्री ने न्यायिक जांच के परिणाम आने तक उनसे पद पर बने रहने को कहा है. इस फैसले की विपक्षी पार्टियों ने निंदा की है और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
शहीद भगत सिंह नगर में सैदपुर खुर्द गांव के अमित बहादुर को 26.51 करोड़ रपये, एसबीएस नगर के मेहदीपुर में कुलविंद पॉल सिंह को 9.21 करोड़ का, मोहाली जिले के रामपुर कलां गांव में गुरिंदर सिंह को 4.11 करोड़ और बैरसाल गांव के 10.58 करोड़ रपये का खनन ठेका दिए जाने पर सवाल उठाए जा रहे थे.
एक आयकर अधिकारी ने कहा, "समाचार पत्रों में जिन चार लोगों के नाम आए हैं उन्हें खनन ठेका दिए जाने की जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन फिलहाल यह प्रारंभिक चरण में है." एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी राज्य में हाल में करोड़ों रपये के बालू के ठेके की नीलामी में राज्य के सिंचाई एवं बिजली मंत्री के खिलाफ लगे ‘अनुचित व्यवहार’ के आरोपों की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित करने का आदेश दिया. एक सदस्यीय आयोग का नेतृत्व न्यायमूर्ति :सेवानिवृत्त: जे एस नारंग करेंगे और एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.
एक आधिकारिक वक्तव्य में बताया कि जांच आयोग के कार्य क्षेत्र को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राणा ने मामले की स्वतंत्र निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए इस्तीफा देने की पेशकश की थी लेकिन मुख्यमंत्री ने न्यायिक जांच के परिणाम आने तक उनसे पद पर बने रहने को कहा है. इस फैसले की विपक्षी पार्टियों ने निंदा की है और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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