प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के जरिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की. इस दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-चीन मसले पर कहा कि पूरा देश भारतीय सेना के साथ है. प्रधानमंत्री ने कहा, ''लद्दाख में हमारे वीरों ने जो बलिदान दिया है, मैं गौरव के साथ इस बात का जिक्र करना चाहूंगा कि ये पराक्रम बिहार रेजीमेंट का है, हर बिहारी को इसका गर्व होता है. जिन सैनिकों ने अपना बलिदान दिया है उन्हें मैं श्रद्धांजलि देता हूं.''
पीएम मोदी ने प्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना का इतना बड़ा संकट, पूरी दुनिया जिसके सामने हिल गई, सहम गई, लेकिन आप डटकर खड़े रहे. भारत के गावों में तो कोरोना का जिस तरह मुकाबला किया है, उसने शहरों को भी बहुत बड़ा सबक दिया है. इस दौरान जो जहां था वहां उसे मदद पहुंचाने की कोशिश की गई. हमने अपने श्रमिक भाई-बहनों के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेनें भी चलाईं! वाकई, आपसे बात करके आज आपकी ऊर्जा भी महसूस कर रहा हूं. आज आप सभी से बात करके कुछ राहत भी मिली है और संतोष भी मिला है. जब कोरोना महामारी का संकट बढ़ना शुरू हुआ था, तो आप सभी, केंद्र हो या राज्य सरकार, दोनों की चिंताओं में बने हुए थे.
पीएम मोदी ने कहा कि इतनी बड़ी जनसंख्या का कोरोना का इतने साहस से मुकाबला करना, इतनी सफलता से मुकाबला करना, बहुत बड़ी बात है. इस सफलता के पीछे हमारे ग्रामीण भारत की जागरूकता ने काम किया है, लेकिन इसमें भी जमीनी स्तर पर काम करने वाले हमारे साथी, ग्राम प्रधान, आंगनवाड़ी वर्कर, आशावर्कर्स, जीविका दीदी, इन सभी ने बहुत बेहतरीन काम किया है. ये सभी वाहवाही के पात्र हैं, प्रशंसा के पात्र हैं. उन्होंने कहा, "कोई पीठ थपथपाए या न थपथपाए, मैं आपकी जय-जयकार करता हूं. आपने अपने हजारों-लाखों लोगों को कोरोना से बचाने का पुण्य किया है. मैं आपको नमन करता हूं."
पीएम मोदी ने प्रवासियों मजदूरों को लेकर कहा कि सरकार पूरा प्रयास कर रही है कि कोरोना महामारी के इस समय में, आपको गांवों में रहते हुए किसी से कर्ज न लेना पड़े, किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े. गरीब के स्वाभिमान को हम समझते हैं. आप श्रमेव जयते, श्रम की पूजा करने वाले लोग हैं, आपको काम चाहिए, रोजगार चाहिए. इस भावना को सर्वोपरि रखते हुए ही सरकार ने इस योजना को बनाया है, इस योजना को इतने कम समय में लागू किया है.
गरीब कल्याण रोजगार योजना का उद्देश्य ग्रामीण भारत में आजीविका के अवसरों को बढ़ाना है. योजना की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रवासियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की. ग्राम पंचायत रात-तेलिहार के मुखिया अनिल सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ स्थानीय मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने कोरोनावायरस लॉकडाउन के दौरान ग्राम पंचायत द्वारा किए गए कार्यों के बारे में बताया. इसके बाद, दिल्ली से अपने गांव लौटीं स्मिता कुमारी ने अपने विचार रखे. प्रधानमंत्री ने उनसे भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा. योजना में बिहार पर जोर दिया गया है. इस दौरान, ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि ये रोजगार अभियान 6 राज्यों में 125 दिन तक चलेगा.
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