प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ओडिशा को 8000 करोड़ के प्रोजेक्ट की सौगात दी. साथ ही पुरी-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस को भी वर्चुअली हरी झंडी दिखाई. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लोगों को वंदे भारत ट्रेन का उपहार मिल रहा है. वंदे भारत ट्रेन आधुनिक भारत और आकांक्षीय भारतीय दोनों का प्रतीक बन रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब वंदे भारत एक स्थान से दूसरे स्थान से गुजरती है तो उसमें भारत की गति और भारत की प्रगति दिखाई देती है. अब कोलकाता से पूरी जाना हो या पूरी से कोलकाता ये यात्रा केवल साढ़े 6 घंटे की हो गई है. उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में भारत ने कठिन से कठिन वैश्विक हालातों में भी अपने विकास की गति को बनाए रखा है. इसके पीछे एक बड़ा कारण है कि इस विकास में हर राज्य की भागीदारी है, देश हर राज्य को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है.
PM Shri @narendramodi launches railway projects in Odisha, flags off Vande Bharat Express between Puri and Howrah. https://t.co/Bx8uXxWS5T
— BJP (@BJP4India) May 18, 2023
पीएम ने कहा कि आज का नया भारत टेक्नोलॉजी भी खुद बना रहा है और नई सुविधाओं को तेजी से देश के कोने-कोने में पहुंचा भी रहा है. ये वंदे भारत ट्रेन भारत ने अपने बलबूते ही बनाई है. आज भारत अपने बलबूते ही 5G टेक्नोलॉजी विकसित कर उसे देश के दूर-सुदूर क्षेत्र में लेकर जा रहा है.
इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत ने कोरोना जैसी महामारी की स्वदेशी वैक्सीन तैयार करके भी दुनिया को चौंका दिया था. इन सब प्रयासों में समान बात ये है कि ये सारी सुविधाएं किसी एक शहर या राज्य तक सीमित नहीं रहीं बल्कि सबके पास तेजी से पहुंचीं. हमारी 'वंदे भारत ट्रेनें' भी अब उत्तर से लेकर दक्षिण तक, पूर्व से लेकर पश्चिम तक देश के हर किनारे को स्पर्श करती हैं.
पिछले 8-9 वर्षों में ओडिशा में रेल परियोजनाओं के बजट में काफी वृद्धि की गई है। 2014 के पहले 10 वर्षों में यहां हर वर्ष औसतन 20 किमी के आसपास ही रेल लाइनें बिछाई जाती थीं जबकि 2022-23 में यहां पर 120 किमी के आसपास नई रेल लाइनें बिछाई गई हैं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/SQPLhBPAIU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 18, 2023
पीएम ने कहा कि पिछले 8-9 वर्षों में ओडिशा में रेल परियोजनाओं के बजट में काफी वृद्धि की गई है. 2014 के पहले 10 वर्षों में यहां हर वर्ष औसतन 20 किमी के आसपास ही रेल लाइनें बिछाई जाती थीं, जबकि 2022-23 में यहां पर 120 किमी के आसपास नई रेल लाइनें बिछाई गई हैं.
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