![यात्रियों से बदसलूकी मामले में इंडिगो एयरलाइन को संसदीय समिति की फटकार, दी यह नसीहत यात्रियों से बदसलूकी मामले में इंडिगो एयरलाइन को संसदीय समिति की फटकार, दी यह नसीहत](https://i.ndtvimg.com/i/2017-11/indigo-passenger-video_650x400_51510069290.jpg?downsize=773:435)
एयरपोर्ट पर यात्री के साथ हाथापाई की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
हाल ही के दिनों में हुए यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार के मद्देनजर संसदीय समिति ने इंडिगो एयरलाइन को जमकर फटकार लगाई है. संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में इंडिगो स्टाफ द्वारा यात्रियों के साथ हाथापाई की घटना की निंदा की और कहा कि एयरलाइन को यात्रियों के अनुकूल और फ्रेंडली होना चाहिए. साथ ही इसके स्टाफ को 'प्लीज' और 'धन्यवाद' कहना सीखना चाहिए.
संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि हाल के दिनों में एयरलाइन स्टाफ, ग्राउंड स्टाफ और केबिन क्रू के द्वारा यात्रियों के साथ हाथापाई और गलत व्यवहार की घटनाएं सामने आई हैं. इनमें से कुछ घटनाओं की सूचना मीडिया से मिली और बड़ी संख्या में हुई घटनाओं की रिपोर्ट नहीं की गई. एयरलाइंस में विशेष रूप से इंडिगो में दुर्व्यवहार की घटनाओं का जिक्र करते हुए समिति ने कहा कि एयरलाइंस के कर्मचारियों का यात्रियों के साथ व्यवहार अच्छा नहीं है और इसके लिए केवल कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई पर्याप्त नहीं है.
यह भी पढ़ें - इंडिगो के स्टाफ ने दिल्ली एयरपोर्ट पर पैसेंजर से की मारपीट, एयरलाइन ने माफी मांगी
26 पेज की इस रिपोर्ट में समिति ने कहा कि केवल कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से इस तरह की घटना के लिए एयरलाइन को दोष मुक्त नहीं होगा. कमेटी ने माना है कि एयरलाइंस का व्यवहार खराब रहा है, एयरलाइंस ने यात्रियों से सही तरह से बातचीत और सहयोग नहीं किया है.
यह भी पढ़ें - यात्री से मारपीट के मामले में इंडिगो एयरलाइन ने मंत्री से मांगी माफी, पर कहा- मेरा स्टाफ अपना काम कर रहा था
समिति ने यह महसूस किया कि एयरलाइन्स को प्रभावित करने वाली समस्याएं निजी नहीं हैं, बल्कि यह संस्थागत है. इंडिगो जैसी संस्था को अपने यात्रियों से निपटने के लिए कंज्यूमर फ्रेंडली अप्रोच अपनाना होगा. समित यह मानती है कि शेयर मार्केट का बड़ा हिस्सेदार होने के नाते इंडिगो को अनपी अंदर झांकने की जरूरत है और उसे अपने ग्राहकों के प्रति कर्मचारियों के खराब व्यवहार और बदसलूकी भरे रवैये की जांच करनी चाहिए. साथ ही समिति ने इस बात पर भी जोर दिया कि कर्मचारियों की अंहकारी और खराब व्यवहार पर रोक लगनी चाहिए.
संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया कि एयरलाइन के कर्मचारी यात्रियों के साथ एक झुंड की तरह व्यवहार करते हैं. एक यात्री के साथ इंडिगो कर्मचारी की बदसलूकी पर संसदीय समिति ने ऐसे कर्मचारियों के बर्ताव में सुधार करने की कड़ी चेतावनी दी है. इसके साथ ही त्योहारों के मौसम में टिकट की मनमानी क़ीमत वसूलने पर भी संसदीय समिति ने एतराज जताया है. समिति ने उड्डयन मंत्रालय को टिकटों की अधिकतम क़ीमत तय करने का सुझाव दिया है.
संसदीय समिति की रिपोर्ट पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय को लंबी-चौड़ी सफाई देनी पड़ी. नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि टिकटों की कीमतों पर कैप लगाना मुश्किल होगा, दो साल पहले इस बारे में एक कवायद कामयाब नहीं हो पायी थी. उन्होंने कहा कि प्राइवेट एयरलाइन्स बुनियादी सुविधाएं अपने पैसेंजरों को नहीं दे पा रही हैं. इसलिए उन्हें कई तरह की चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है.
यह भी पढ़ें - भारतीय विमानन कंपनियां अगले साल अपने बेड़े में 900 से अधिक विमान करेंगी शामिल
उधर एयरलाइन्स के कामकाज में अनुशासनहीनता के बढ़ते मामलों को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री ने डीजीसीए के डायरेक्टर जनरल को उड़ान के वक़्त विमान में अनुशासन सुनिश्चित करने को कहा है. ग्राउंड स्टाफ़ के लिए भी ये निर्देश जारी किये गए हैं. ये निर्देश उस घटना के बाद जारी किये गए हैं जिसमें इस साल की पहली तारीख़ को लंदन से मुंबई आ रही जेट एयरवेज़ की फ़्लाइट में पायलट ने महिला को-पायलट को थप्पड़ जड़ दिया था. उस वक़्त फ़्लाइट ऑटो-पायलट मोड में थी. बाद में डीजीसीए ने इस पर संज्ञान लेते हुए पायलट का लाइसेंस रद्द कर दिया था और इसे सुरक्षा मानकों का उल्लंघन बताया था.
बताया जा रहा है कि रिपोर्ट तैयार करने से पहले समिति ने विभिन्न एयरलाइनों के अधिकारियों और कर्मचारियों और सीईओ के साथ विस्तृत संपर्क किया था. बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली एयरपोर्ट पर एक यात्री के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, जिसके बाद से ये मामला मीडियो में खूब उठा था.
VIDEO: इंडिगो एयरलाइंस ने घटना पर माफ़ी मांगी
संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि हाल के दिनों में एयरलाइन स्टाफ, ग्राउंड स्टाफ और केबिन क्रू के द्वारा यात्रियों के साथ हाथापाई और गलत व्यवहार की घटनाएं सामने आई हैं. इनमें से कुछ घटनाओं की सूचना मीडिया से मिली और बड़ी संख्या में हुई घटनाओं की रिपोर्ट नहीं की गई. एयरलाइंस में विशेष रूप से इंडिगो में दुर्व्यवहार की घटनाओं का जिक्र करते हुए समिति ने कहा कि एयरलाइंस के कर्मचारियों का यात्रियों के साथ व्यवहार अच्छा नहीं है और इसके लिए केवल कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई पर्याप्त नहीं है.
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26 पेज की इस रिपोर्ट में समिति ने कहा कि केवल कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से इस तरह की घटना के लिए एयरलाइन को दोष मुक्त नहीं होगा. कमेटी ने माना है कि एयरलाइंस का व्यवहार खराब रहा है, एयरलाइंस ने यात्रियों से सही तरह से बातचीत और सहयोग नहीं किया है.
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समिति ने यह महसूस किया कि एयरलाइन्स को प्रभावित करने वाली समस्याएं निजी नहीं हैं, बल्कि यह संस्थागत है. इंडिगो जैसी संस्था को अपने यात्रियों से निपटने के लिए कंज्यूमर फ्रेंडली अप्रोच अपनाना होगा. समित यह मानती है कि शेयर मार्केट का बड़ा हिस्सेदार होने के नाते इंडिगो को अनपी अंदर झांकने की जरूरत है और उसे अपने ग्राहकों के प्रति कर्मचारियों के खराब व्यवहार और बदसलूकी भरे रवैये की जांच करनी चाहिए. साथ ही समिति ने इस बात पर भी जोर दिया कि कर्मचारियों की अंहकारी और खराब व्यवहार पर रोक लगनी चाहिए.
संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया कि एयरलाइन के कर्मचारी यात्रियों के साथ एक झुंड की तरह व्यवहार करते हैं. एक यात्री के साथ इंडिगो कर्मचारी की बदसलूकी पर संसदीय समिति ने ऐसे कर्मचारियों के बर्ताव में सुधार करने की कड़ी चेतावनी दी है. इसके साथ ही त्योहारों के मौसम में टिकट की मनमानी क़ीमत वसूलने पर भी संसदीय समिति ने एतराज जताया है. समिति ने उड्डयन मंत्रालय को टिकटों की अधिकतम क़ीमत तय करने का सुझाव दिया है.
संसदीय समिति की रिपोर्ट पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय को लंबी-चौड़ी सफाई देनी पड़ी. नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि टिकटों की कीमतों पर कैप लगाना मुश्किल होगा, दो साल पहले इस बारे में एक कवायद कामयाब नहीं हो पायी थी. उन्होंने कहा कि प्राइवेट एयरलाइन्स बुनियादी सुविधाएं अपने पैसेंजरों को नहीं दे पा रही हैं. इसलिए उन्हें कई तरह की चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है.
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उधर एयरलाइन्स के कामकाज में अनुशासनहीनता के बढ़ते मामलों को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री ने डीजीसीए के डायरेक्टर जनरल को उड़ान के वक़्त विमान में अनुशासन सुनिश्चित करने को कहा है. ग्राउंड स्टाफ़ के लिए भी ये निर्देश जारी किये गए हैं. ये निर्देश उस घटना के बाद जारी किये गए हैं जिसमें इस साल की पहली तारीख़ को लंदन से मुंबई आ रही जेट एयरवेज़ की फ़्लाइट में पायलट ने महिला को-पायलट को थप्पड़ जड़ दिया था. उस वक़्त फ़्लाइट ऑटो-पायलट मोड में थी. बाद में डीजीसीए ने इस पर संज्ञान लेते हुए पायलट का लाइसेंस रद्द कर दिया था और इसे सुरक्षा मानकों का उल्लंघन बताया था.
बताया जा रहा है कि रिपोर्ट तैयार करने से पहले समिति ने विभिन्न एयरलाइनों के अधिकारियों और कर्मचारियों और सीईओ के साथ विस्तृत संपर्क किया था. बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली एयरपोर्ट पर एक यात्री के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, जिसके बाद से ये मामला मीडियो में खूब उठा था.
VIDEO: इंडिगो एयरलाइंस ने घटना पर माफ़ी मांगी
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