सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार के ग्रामीण विद्युतीकरण अभियान की तीखी आलोचना करते हुए एक संसदीय समिति ने सोमवार को कहा कि गैर-विद्युतीकृत गांवों की संख्या आधिकारिक आंकड़े से कहीं अधिक है।
समिति ने गांवों के विद्युतीकरण में भी कमी पाई। समिति ने कहा कि ऐसे मामले हैं, जहां सिर्फ रिकॉर्ड में गांवों का विद्युतीकरण हो गया है, जबकि हकीकत में वो अब भी इससे वंचित हैं।
बिजली पर संसद की स्थायी समिति की सोमवार को लोकसभा में पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया कि जिन गांवों का विद्युतीकरण किया जाना है, उनकी संख्या आधिकारिक आंकड़े (31 मार्च 2016 तक 11 हजार 344) से काफी अधिक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे मामले भी हैं जहां गांवों का विद्युतीकरण सिर्फ रिकॉर्ड में किया गया है, लेकिन हकीकत में वो अब भी इससे वंचित हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
समिति ने गांवों के विद्युतीकरण में भी कमी पाई। समिति ने कहा कि ऐसे मामले हैं, जहां सिर्फ रिकॉर्ड में गांवों का विद्युतीकरण हो गया है, जबकि हकीकत में वो अब भी इससे वंचित हैं।
बिजली पर संसद की स्थायी समिति की सोमवार को लोकसभा में पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया कि जिन गांवों का विद्युतीकरण किया जाना है, उनकी संख्या आधिकारिक आंकड़े (31 मार्च 2016 तक 11 हजार 344) से काफी अधिक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे मामले भी हैं जहां गांवों का विद्युतीकरण सिर्फ रिकॉर्ड में किया गया है, लेकिन हकीकत में वो अब भी इससे वंचित हैं।
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